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धनतेरस का महत्व और पूजा विधि, जानिए

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में दीपावली का पर्व बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस पर्व के पहले कई पर्व आते है। जैसे कि शारदीय नवरात्रि, दशहरा और धनतेरस। धनतेरस छोटी दीवाली से एक

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नई दिल्ली: हिंदू धर्म में दीपावली का पर्व बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस पर्व के पहले कई पर्व आते है। जैसे कि शारदीय नवरात्रि, दशहरा और धनतेरस। धनतेरस छोटी दीवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन लोग अधिक मात्रा में शॉपिंग करते है। इस दिन कोई भी समान लेना बहुत ही शुभ माना जाता है।

इस साल धनतेरस 9 नवंबर को है। धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस का दिन धन्वन्तरि त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती भी होती है। जो आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

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धनतेरस हिंदू त्योहारों में बहुत अधिक महत्व रखता है। इस दिन लोग नई चीजें अपने घर लातें है साथ ही इस दिन गणेश लक्ष्मी घर लाएं जाते है। इस दिन की मान्यता है कि इस दिन कोई किसी को उधार नही देता है। इसलिए सभी नई वस्तुएं लातें है। इस दिन लक्ष्मी और कुबेर की पूजा के साथ-साथ यमराज की भी पूजा की जाती है। इस दिन की बहुत अधिक महत्व है। जानिए इस दिन का महत्व और पूजन-विधि के बारें में।
इस बार धनतेरस में लक्ष्मी और कुबेर की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5: 50 मिनट से 7:06 मिनट तक है। धनतेरस में लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के समय किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद शुरु होता है और लगभग 2 घटें 24 मिनट तक रहता है।

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