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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र देव प्रबोधनी एकादशी 10 को: ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा, मिलेगा चार गुना अधिक फल

देव प्रबोधनी एकादशी 10 को: ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा, मिलेगा चार गुना अधिक फल

देव प्रबोधनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा के बाद जागते है। जिसके कारण इस दिन इनकी पूजा जरुर करना चाहिए। इस दिन पूजा करने से चार गुना अधिक फल मिलता है। जानिए पूजन विधि और मनाने का कारण..

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ऐसे करें पूजा
इस दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें और भगवान का स्मरण करते हुए धूप, दीप, नैवेद्य, फूल, गंध, चंदन, फल और अर्घ्य आदि अर्पित करें। भगवान की पूजा करके घंटा, शंख, मृदंग आदि वाद्य यंत्रों के साथ निम्न मंत्रों का जाप करें

उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद त्यज निद्रां जगत्पते।
त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत् सुप्तं भवेदिदम्।।
उत्तिष्ठोत्तिष्ठ वाराह दंष्ट्रोद्धृतवसुंधरे।
हिरण्याक्षप्राणघातिन् त्रैलोक्ये मंगलं कुरु।।

इसके बाद भगवान की आरती करें और फूल अर्पण करके निम्न मंत्रों से प्रार्थना करें-
इयं तु द्वादशी देव प्रबोधाय विनिर्मिता।
त्वयैव सर्वलोकानां हितार्थं शेषशायिना।।
इदं व्रतं मया देव कृतं प्रीत्यै तव प्रभो।
न्यूनं संपूर्णतां यातु त्वत्वप्रसादाज्जनार्दन।।

इसके बाद प्रहलाद, नारदजी, परशुराम, पुण्डरीक, व्यास, अंबरीष, शुक, शौनक और भीष्म आदि भक्तों का स्मरण करके चरणामृत और प्रसाद का वितरण करना चाहिए।इस दिन रात को जरुर जागरण करना चाहिए।

इस कारण मनाई जाती है देव प्रबोधनी एकादशी
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास की शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु ने दैत्य शंखासुर को मारा था। शंखासुर बहुत पराक्रमी दैत्य था। इस वजह से लंबे समय तक भगवान विष्णु का युद्ध उससे चलता रहा। अंतत: घमासान युद्ध के बाद शंखासुर मारा गया। इस युद्ध से भगवान विष्णु बहुत अधिक थक गए।

तब वे थकावट दूर करने के लिए क्षीरसागर में आकर सो गए। वे वहां चार महिनों तक सोते रहे और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को जागे। तब सभी देवी-देवताओं द्वारा भगवान विष्णु का पूजन किया गया। इसी वजह से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है।

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