धर्म डेस्क: कार्तिक महीनें की पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है। माना जाता है कि ये देवों की दीवाली होती है। दीपावली के 15 दिन बाद देव दीपावली मनाई जाती है। इस दिन स्नान कर दीपदान करने का बहुत अधिक महत्व है। इस बार देव दीपावली 3 नवंबर को है।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आते है। इस दिन पूजा -पाठ करने से लंबी उम्र मिलती है। साथ ही सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इसके साथ ही मान जाता है कि भगवान शंकर ने देवी-देवताओं के प्रर्थना करने पर त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया जाता है। जिसके बाद देवताओं ने दीपावली बनाई थी। उसी को देव दीपावली के रुप में माना जाता है।
इस माह में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्वों को प्रमाणित किया है। इसके साथ ही इस माह में उपासना, स्नान, दान, यज्ञ आदि का भी अच्छा परिणाम मिलता है। इस दिन ऐसा करने लंबी उम्र होने के साथ-साथ जीवन में हर सफलता और परिवार में खुशहाली आती है।
इस कारण मनाया जाता है काशी में
देव दीपावली काशी में बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। इसके मनाने के पीछे कारण है। इसके अनुसार भगवान शिव ने काशी के अहंकारी राजा दिवोदास के अहंकार को नष्ट कर दिया था। जिसके कारण यह मनाया जाता है। इस दिन काशी के घाटों पर दीप जलाकर भी इस त्योहार को काफी उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन पूजन का भी विशेष महत्व रहता है।
माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने से भी कामों में लाभ मिलता है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि के बारें में।
शुभ मुहूर्त
दोपहर 1.46 बजे से 4 नवंबर सुबह 10.52 तक।
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