डाला छठ 2021: 10 नवंबर को दिया गया डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य
छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है। जानिए सूर्यास्त का समय के साथ-साथ मंत्र और पूजा विधि।
छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठ का महत्वपूर्ण दिन है। इसे डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। सूर्यदेव के तेज से शोभित छठ पूजा का ये त्योहार बीते 8 नवम्बर को शुरू हुआ था। वहीं बुधवार को शाम के समय डूबते हुए सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जायेगा। सूर्य षष्ठी का यह व्रत संतान की लंबी आयु, अच्छी सेहत, पारिवारिक सुख-समृद्धि और मान-सम्मान हेतु किया जाता है।
छठ के तीसरे दिन शाम को बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है, जिसके बाद व्रती अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इसके साथ ही चौथे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जायेगा और अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जायेगा।
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सूर्यास्त का समयशाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सूर्यास्त का समय शाम 5 बजकर 30 मिनट पर है और छठ पूजा के चौथे दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 41 मिनट पर है।
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की विधिसबसे पहले छठ पूजा में उपयोग होने वाली सभी सामग्रियों को एक बांस की टोकरी में रखें। वहीं, सूर्य को अर्घ्य देते समय सभी प्रसाद सूप में रखें और सूप में ही दीपक जलाएं। फिर नदी में उतरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
सूर्य को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का उच्चारण करें :'ओम सूर्याय नमः' या फिर ओम घृणिं सूर्याय नमः, ओम घृणिं सूर्य: आदित्य:, ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा मंत्र का जाप करें।