कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी तिथि से छठ का त्योहार मनाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाला ये त्योहार आज से शुरू होकर 21 नवंबर तक चलेगा। आज इस महापर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ हो गई है। जिसका समापन चौथे दिन सुबह के समय सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के साथ खत्म होता है। यह व्रत संतान प्राप्ति के साथ-साथ परिवार की सलामती के लिए रखा जाता है। छठ पूजा के दौरान बहुत ही विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है।
4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में विधि-विधान से पूजा करने के साथ कुछ नियमों का भी पालन करना होता है। यह व्रत जितना कठिन होता है उतने ही कड़े इसके नियम होते हैं। जानें छठ पूजा के दौरान किन नियमों का पालन करना है जरूरी।
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- मान्यताओं के अनुसार, प्याज और लहसुन तासमिक श्रेणी में आते है। इसलिए इन 4 दिनों में इन चीजों का सेवन वर्जित माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि घर में बिना प्याज-लहसुन के खाना बनें।
- छठ पूजा में सफाई का बहुत अधिक ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए बिना साफ-सफाई के पूजा की कोई भी चीज नहीं छूनी चाहिए।
- जो महिलाएं इस व्रत को कर रही है। वह इन दिनों में पलंग या चारपाई पर न सोएं बल्कि जमीन पर चादर बिछाकर सोएं।
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- सूर्य भगवान को अर्ध्य देना बहुत ही जरूरी माना जाता है। इसलिए कभी भी पूजा के लिए चांदी, स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हमेशा तांबा के लोटे का इस्तेमाल करे।
- प्रसाद तैयार करते समय खुद कुछ नहीं खाना चाहिए। इससे आपका प्रसाद झूठा हो सकता है।
- जिस जगह आप छठ का प्रसाद बना रहे हैं। ध्यान रखें कि वहां पर खाना न बनता हो।
- अगर आपने व्रत रखा है तो बिना सूर्य को अर्ध्य दिए जल या फिर किसी और चीज का सेवन न करें।
- छठ व्रत के दौरान मांस-मंदिरा आदि से दूरी बनाकर रखना चाहिए।
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- पूजा के दिनों में किसी को भी फलों का सेवन नहीं करना चाहिए, पूजा के बाद फलों का सेवन कर सकते हैं।
- 4 दिनों के दौरान किसी को अपशब्द न कहें। इसके साथ ही घर पर लड़ाई-झगड़े न हो। इस बात का पूरा ध्यान रखें।
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