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chhath puja 2019: सुनिए छठी मैया की पौराणिक कथाएं और गाने

यूपी- बिहार में मनाए जाने वाले महापर्व छठ की धूम हर तरफ देखी जा रही है। सूर्यदेव की पूजा का ये पर्व छठी मैया की पौराणिक कथाओं का गवाह है।

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यूपी- बिहार में मनाए जाने वाले महापर्व छठ की धूम हर तरफ देखी जा रही है। आज शाम अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और कल की सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व का समापन होगा। छठ पर्व के दौरान घरों में कई तरह के पकवान बनाए जाते है। छठ पूजा से जुड़े भोजपुरी गीत लोगों के बीच काफी प्रचलित हैं।

छठी मइया की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार प्रियव्रत नाम का एक राजा था। उनकी पत्नी का नाम था मालिनी। दोनों की कोई संतान नहीं थी। इस बात से राजा और रानी दोनों की दुखी रहते थे। संतान प्राप्ति के लिए राजा ने महर्षि कश्यप से पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। यह यज्ञ सफल हुआ और रानी गर्भवती हुईं।

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लेकिन रानी को मरा हुआ बेटा पैदा हुआ। इस बात से राजा और रानी दोनों बहुत दुखी हुए और उन्होंने संतान प्राप्ति की आशा छोड़ दी। राजा प्रियव्रत इतने दुखी हुए कि उन्होंने आत्महत्या का मन बना लिया, जैसे ही वो खुद को मारने के लिए आगे बड़े षष्ठी देवी प्रकट हुईं। 

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षष्ठी देवी ने राजा से कहा कि जो भी व्यक्ति मेरी सच्चे मन से पूजा करता है मैं उन्हें पुत्र का सौभाग्य प्रदान करती हूं। यदि तुम भी मेरी पूजा करोगे तो तुम्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी। राजा प्रियव्रत ने देवी की बात मानी और कार्तिक शुक्ल की षष्ठी तिथि के दिन देवी षष्ठी की पूजा की। इस पूजा से देवी खुश हुईं और तब से हर साल इस तिथि को छठ पर्व मनाया जाने लगा।

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