शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा करना लाभकारी होता है। भगवान शनि आपको अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं। भगवान शनि की रोजाना शनिवार को पूजा करने से भारी से भारी शनिदोष का प्रभाव भी कम हो जाता है। यहां तक कि साढ़ेसाती और ढय्या का अशुभ प्रभाव भी कम हो जाता है। इसलिए बस आपको शनिवार को भगवान शनि की पूजा करने के साथ-साथ उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।
इन मंत्रों का जाप भगवान शनि के 10 अन्य नामों के साथ करना चाहिए। ऐसा करना न केवल संकट हरता है बल्कि मनुष्य के लिए कल्याणकारी भी होता है। जानिए शनिदेव के 10 अन्य नामों और उनके मंत्रों के जाप करने के तरीकों के बारे में।
ये हैं शनिदेव के 10 अन्य कल्याणकारी नाम
कोणस्थ
पिंगल
बभ्रु
कृष्ण
रौद्रान्तक
यम
सौरि
शनैश्चर
मंग
पिप्लाद
मंत्रों का ऐसे करें जाप
- किसी भी पूजा को करने से पहले स्नान करना बहुत जरूरी होता है। इसलिए सुबह उठते ही स्नान करें।
- शनिदेव के मंदिर में जाएं और घी का दिया जलाएं।
- दिया जलाने के बाद ध्यान रखें कि दिया पूजा समाप्त होने तक जलता रहे।
- भगवान शनि को नीले फूल बहुत पसंद हैं। इसलिए उन्हें नीले रंग के फूल की अर्पित करें।
- अब रुद्राक्ष की माला लें और मंत्र का जाप करें।
- रूद्राक्ष की कम से कम 5 माला का जाप करें।
ये हैं शनिदेव के 5 मंत्र, जप करने से कष्ट होंगे दूर
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने के अलावा मंत्रों का भी जाप करना चाहिए। मंत्रों का जाप करना कल्याणकारी और दुख निवारक होगा। जानिए शनिदेव के 5 मंत्रों के बारे में...
ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:
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