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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र जानिए , ऊं को महामंत्र मानने का कारण और इसको बोलने के फायदे

जानिए , ऊं को महामंत्र मानने का कारण और इसको बोलने के फायदे

नई दिल्ली: सनातन धर्म और ईश्वर को मानने वाला हर व्यक्ति देव की अराधना करते समय शास्त्रों, ग्रंथों में दिए श्लोक, मंत्रो, भजन और कीर्तन के दौरान ऊं महामंत्र को कई बार पढ़ता, सुनता या

  • धार्मिक दृष्टि से इसे परब्रह्म या महेश्वर स्वरूप भी नव या नया और पवित्र माना जाता है। प्रणव मंत्र से उपासक नया ज्ञान और शिव स्वरूप पा लेता है। इसलिए भी यह प्रणव कहा गया है।
  • दूसरें हिन्दू धर्मशास्त्रों में भी ऊं को ऐसा अक्षर साक्षात् ईश्वर का स्वरुप माना जाता है साथ ही मंत्र भी। इसलिए यह एकाक्षर ब्रह्म भी कहलाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि प्रणव मंत्र में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और शिव की सामूहिक शक्ति समाई है। यह गायत्री और वेद रूपी ज्ञान शक्ति का भी स्त्रोत माना गया हैं।

ऊं बोलने के फायदें-

  • वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो ऊं बोलते वक्त पैदा हुई शब्द शक्ति और ऊर्जा के साथ शरीर के अंगों जैसे मुंह, नाक, गले और फेफड़ो से आने-जाने वाली शुद्ध वायु मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। अनेक हार्मोन और खून के दबाव को नियंत्रित करती है। इसके असर से मन-मस्तिष्क शांत रहने के साथ ही खून के भी स्वच्छ होने से दिल भी सेहतमंद रहता है। जिससे मानसिक एकाग्रता व कार्य क्षमता बढ़ती है। व्यक्ति मानसिक और दिल की बीमारियों से मुक्त रहता है।

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