धर्म डेस्क: धर्मनीति और कूटनीति का पाठ पढ़ाने वाले आचार्य चाणक्य ने पति-पत्नी के रिश्तों पर भी गहरी बातें सामने रखी हैं। वहीं चाणक्य कहते थे कि पुरुषों को कई ऐसी बातें सिर्फ राज रखनी चाहिए जिसे सिर्फ वो जानता है। कहने का मतलब यह है कि पुरुषों को चुनिंदा बातें हर किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके दुख कम होने के बजाए दुख बढ़ने की संभावना और प्रबल हो जाती है।
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भाग्य और अभाग्य दो ऐसी चीजें है, जो हर इंसान के जीवन में कभी न कभी आती जरुर है। जहां एक ओर भाग्य बदलते ही व्यक्ति का जीवन सुख-शांति के साथ बीतता है। वहीं अभाग्य आते ही सुख-शांति सभी कुछ छिन जाता है। ऐसे में आचार्य चाणक्य ने 3 बातें बताई है। जिसके अनुसार आप जान सकते है कि यह आपका अभाग्य तो नहीं है।
आचार्य चाणक्य ने इसे एक श्लोक के माध्यम से बताया गया है। जानिए इन 3 बातों के बारें में।
वृद्धकाले मृता भार्या बन्धुहस्ते गतं धनम्।
भोजनं च पराधीनं त्रय: पुंसां विडम्बना:।।
जानिए इस श्लोक का मतलब जिसके माध्यम से आचार्य चाणक्य अभाग्य बताने की कोशिश कर रहे है।
बुढ़ापे में पत्नी की मौत
अगर किसी वृद्ध की पत्नी मर जाएं, तो ये सबसे दुर्भाग्य की बात है। अगर पुरुष की पत्नी जवानी में मर जाती है, तो वह दूसरी शादी कर लेता है। वही बुढ़ापे में वो दूसरी शादी नहीं कर सकता है। जिसके कारण जिस समय उसे अपनी पत्नी की सबसे ज्यादा जरुरत है। वो उसे छोड़ चली गई। जिसके अकेलेपन के कारण मानसिक तनाव और निराशा बढ़ जाती है।
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