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आज शाम जरूर करें चंद्र दर्शन, ऐसे पूजा करके पाएं हर रोग से मुक्ति

आज के दिन भगवान चंद्र की पूजा करने और व्रत रखने का विधान हैं । साथ ही अपको बता दूं सूर्यास्त के ठीक बाद के समय को चन्द्रमा को देखने के लिए या चंद्र दर्शन के लिए सबसे अनुकूल समय माना जाता है ।

Chandra Darshan 2020- India TV Hindi Image Source : TWITTER/SIMONBO42488578 Moon

आज वैशाख शुक्ल पक्ष की उदया तिथि प्रतिपदा और शुक्रवार का दिन है । प्रतिपदा तिथि आज सुबह 10 बजकर 2 मिनट तक रहेगी | उसके बाद द्वितीया तिथि शुरू हो जायेगी | आज चन्द्र दर्शन दिवस है । चन्द्र दर्शन हिंदू मान्यताओं में धार्मिक महत्व रखता है । हर माह जब अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रमा दिखाई देता है उस दिन चंद्र दर्शन दिवस भारत के लगभग हर हिस्से में बहुत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। 

आज के दिन भगवान चंद्र की पूजा करने और व्रत रखने का विधान हैं । साथ ही अपको बता दूं सूर्यास्त के ठीक बाद के समय को चन्द्रमा को देखने के लिए या चंद्र दर्शन के लिए सबसे अनुकूल समय माना जाता है । शास्त्रों के मुताबिक़, आज के दिन चंद्रमा के दर्शन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और इसे बहुत भाग्यशाली और समृद्ध माना जाता है।

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ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा ज्ञान, बुद्धि और मन का स्वामी ग्रह है । इसके अलावा इसके अलावा जिन जातकों की जन्मपत्री में चंद्रमा नीच का है, उन्हे गुस्सा जल्दी आता है इस कारण जातक मानसिक तनाव में रहता है साथ ही ऐसे लोगों की मां को भी कई परेशानियां होती हैं और पैसा भी पानी की तरह खर्च होता है।
 
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार ऐसे लोग यदि इस दिन चंद्र भगवान की पूजा-अर्चना कर उनके दर्शन करते हैं तो उनका ग्रह दोष शांत होता है। उन्हें कई प्रकार के मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है और उनपर मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है । 

आज के दिन शाम के समय चंद्र देव का दशोपचार तरीके से पूजा-अर्चना करें । यहां अपको बता दूं दशोपचार का मतलब होता है- भगवान का आह्वाहन, आचमन, अर्घ्य, स्नान कर और रोली और चावल से तिलक कर, फूल अर्पित करना । दशोपचार तरीके से पूजा-अर्चना के बाद धूप दीप करके चंद्र भगवान को भोग के तौर पर खीर का प्रसाद अर्पित करें और इस मंत्र का जप करें । मंत्र है-

ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात’

आज के दिन ऐसा करने से मन का सारा तनाव गायब हो जाता है और हर प्रकार के रोग आदि से मुक्ति मिलती है ।

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