आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये किन लोगों का साथ छोड़ देना चाहिए इस पर आधारित है।
'जीवन में साथ रहकर छल करे, धोखा दे, चुगली करे, बातों को गलत तरीके से किसी के सामने रखे, उसका साथ छोड़ देना बेहतर होता है।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि जो मनुष्य चार चीजें करें उसका साथ आपको पलक झपकते ही छोड़ देना चाहिए। ये 4 चीजें हैं जीवन में साथ रहकर छल करे, धोखा दे, चुगली करे, बातों को गलत तरीके से किसी के सामने रखे।
समय रहते ही मनुष्य ने अगर इन दो परिस्थितियों में नहीं किया खुद पर नियंत्रण, तकलीफों से भर जाएगा जीवन
असल जिंदगी में कई बार होता है लोग सामने वाले शख्स को पहचानने में धोखा खा जाते हैं। ऐसा तब होता है जब सामने वाला अच्छाई का ऐसा मुखौटा पहने होता है कि आपको उसे पकड़ना मुश्किल हो जाए। ऐसे दोहरे स्वभाव वाले लोगों से सामना आपका कई बार होगा। ये लोग आपके सामने तो अच्छे होने का ढोंग करेंगे लेकिन आपके पीठ पीछे वो सारे काम करेंगे जो उन्हें नहीं करना चाहिए।
मनुष्य को ऐसे व्यक्ति की सोच पर हमेशा खाना चाहिए तरस
ऐसे स्वभाव वाले लोग आपके सामने दोस्ती का ऐसा खेल खेलेंगे कि आप उनकी असलियत नहीं जान पाएंगे। लेकिन वो कहते हैं ना कई बार ऐसे लोग ऐसी गलती कर देते हैं कि इनके चेहरे का मुखौटा अपने आप हट जाता है। इनके चेहरे से मुखौटा हटते ही आप इन लोगों की असलियत जान जाएंगे। इस तरह के स्वभाव वाले व्यक्ति आपके साथ रहेंगे तो लेकिन पीठ पीछे आपकी बुराई करेंगे। आचार्य चाणक्य का कहना हैं इन लोगों का साथ तुरंत छोड़ देना चाहिए।
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