आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार कर्मों पर आधारित है।
'व्यक्ति कर्मों से महान बनता है जन्म से नहीं।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य हमेशा अपने कर्मों से महान बनता है। जन्म से नहीं। यानी कि आपके कर्म ही आपको दूसरों की नजरों में महान बनाएंगे। जिस व्यक्ति के कर्म अच्छे होंगे वो अपने आप ही महान बन जाएगा।
मेहनत करने के बावजूद भी मनुष्य को ना मिले मन मुताबिक नतीजा तो भूलकर ना उठाए ये कदम
असल जिंदगी में कोई भी व्यक्ति तभी महान कहलाता है जब उसके कर्म अच्छे हों। अगर आपके कर्म ही अच्छे नहीं हैं तो आप कितना भी अपना प्रचार प्रसार क्यों ना कर लें आप कभी भी महान नहीं बन पाएंगे। किसी भी व्यक्ति को मनुष्य का जीवन कई साल में एक बार मिलता है। ऐसे में मनुष्य को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो ऐसे कर्म करे कि लोगों के बीच उसकी प्रशंसा हो। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी मनुष्य इस वजह से बड़ा नहीं बनता कि उसने बड़े घर में जन्म लिया है। वो तभी बड़ा कहलाएगा जब उसके कर्म अच्छे हों।
अगर आपके कार्य को लेकर लोग नहीं कर रहे ऐसी बातें तो मामला है गंभीर
आए दिन आपका कई तरह के लोगों से आमना सामना होता है। इनमें से कुछ लोग अपने अच्छे कर्म करते हैं तो वहीं कुछ लोगों के कर्म अच्छे नहीं होते। कई लोगों में इस बात का भी घमंड होता है कि उन्होंने बड़े घर में जन्म लिया है। हालांकि ये भी कम ही देखने को मिलता है। लेकिन एक बात तो सभी को ध्यान में रखनी चाहिए वो है हमेशा अपने कर्म अच्छे करो। अगर आप अच्छे कर्म करोगे तो आपको उसका परिणाम भी अच्छा मिलेगा। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि व्यक्ति कर्मों से महान बनता है जन्म से नहीं।'
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