आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार प्यार और इंसान की प्रवृत्ति पर आधारित है।
'जो तुम्हारा मूल्य ना समझे उसके सामने जबरन प्रेम प्रदर्शन मत करना, क्योंकि ऐसा करने से तुम्हारें प्रेम के साथ-साथ तुम्हारी भावनाओं को भी कुचल दिया जाएगा।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि जो आपका मूल्य ना समझे उसके सामने अपना प्यार नहीं दिखाना चाहिए। ऐसा करने से सामने वाला व्यक्ति ना केवल आपके प्यार को ठुकराएगा बल्कि आपकी भावनाओं को भी इग्नोर कर देगा। आचार्य चाणक्य के कहने का मतलब है कि हमेशा अपना प्यार उन्हें दिखाना चाहिए जो आपकी कद्र करें। जो व्यक्ति आपकी कद्र नहीं करता होगा वो आपके प्यार को क्या समझेगा।
दरअसल, असल जिंदगी में मनुष्य उन लोगों से धोखा खाता है जिन्हें वो दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करता है। मनुष्य को लगता है कि जिसे वो प्यार करता है उसकी भावनाओं को अच्छे से समझेगा और कद्र भी करेगा। इंसान की प्रवृत्ति बदलने वाली होती है। कई बार इंसान वही होता है लेकिन समय के साथ उसमें इतना बदलाव आता है जिसे आप आंखों के सामने रहकर भी पहचान नहीं पाते।
अक्सर उस व्यक्ति का ऐसा रूप देखकर इंसान इस सोच में पड़ जाता है कि ये वही अपना है या कोई और। हालांकि उसका मन नहीं मानता और वो उसके प्रति अपनी भावनाएं वैसे ही व्यक्ति करता है जैसा करता आया है। लेकिन वो व्यक्ति इस तरह से रिएक्ट करता है जिसके बारे में आपने सोचा भी नहीं था। क्योंकि आप उस व्यक्ति से प्यार करते हैं इसलिए इस बात पर यकीन नहीं करना चाहते कि सामने वाला बदल चुका है। लेकिन आपको इस बात का यकीन करना होगा। अन्यथा अपना प्यार और भावनाएं उस व्यक्ति पर जताने से सामने वाला आपका अपमान तक कर सकता है। इसीलिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जो तुम्हारा मूल्य ना समझे उसके सामने अपना प्यार नहीं जताना चाहिए। ऐसा करने से आपको सिर्फ और सिर्फ तकलीफ ही होगी।
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