आचार्य चाणक्य की नीतियां और अनुमोल वचनों को जिसने जिंदगी में उतारा वो खुशहाल जीवन जी रहा है। अगर आप भी अपने जीवन में सुख चाहते हैं तो इन वचनों और नीतियों को जीवन में ऐसे उतारिए जैसे पानी के साथ चीनी घुल जाती है। चीनी जिस तरह पानी में घुलकर पानी को मीठा बना देती है उसी तरह से विचार आपके जीवन को आनंदित कर देंगे। आचार्य चाणक्य के इन अनुमोल विचारों में से आज हम एक विचार का विश्लेषण करेंगे। ये विचार सफलता होने पर आधारित है।
'कामयाब होने के लिए अच्छे मित्रों की जरूरत होती है और ज्यादा कामयाब होने के लिए अच्छे शत्रुओं की आवश्यकता होती है।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के कहने का मतलब है कि कोई भी व्यक्ति तभी कामयाब होता है जब उसके साथ अच्छे दोस्त होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अच्छे दोस्त अपने सच्चे दोस्तों को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। वो ना केवल मनोबल बढ़ाते हैं बल्कि दुख और सुख दोनों में साथ देते हैं।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि जहां जिंदगी में अच्छे दोस्तों का होना जरूरी है वहीं शत्रु भी उतने ही जरूरी है। शत्रु मनुष्य को जिंदगी में ज्यादा सफल होने के लिए और प्रोत्साहित करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शत्रु से आगे बढ़ने की इच्छा मनुष्य को जीवन में और सफल बना देती है।
कई बार असल जिंदगी में इस तरह के उदाहरण आपने देखें होंगे। मनुष्य में सामने वाले को देखकर उससे आगे बढ़ने की इच्छा होती है। जब सामने वाला शत्रु हो तो इच्छा और भी प्रबल हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी मनुष्य अपने आगे अपने शत्रु को निकलते हुए नहीं देख सकता। इसी होड़ में वो कई बार कामयाबी के शिखर पर भी पहुंच जाता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिंदगी में सफल होने के लिए अच्छे दोस्त और ज्यादा सफल होने के लिए अच्छे शत्रुओं की आवश्यकता होती है।
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