आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का विचार भावनाओं पर आधारित है।
Chanakya Niti: किसी भी समस्या का हल निकालने के लिए मनुष्य को इस एक चीज को करना होगा कंट्रोल
'अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें क्योंकि हम ज्यादातर भावनाओं में ही बहकर अपने राज दूसरों को बता देते हैं।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य ने अपने इस कथन में भावनाओं पर कंट्रोल करने की बात कही है। आचार्य का कहना है कि ज्यादातर ऐसा होता है कि लोग भावनाओं में बहकर दूसरों के सामने अपने वो राज भी खोल देते हैं जिसका जिक्र उनके लिए घातक हो सकता है। इसी कारण हमेशा मनुष्य को सतर्क रहना चाहिए।
असल जिंदगी में अक्सर ऐसे होता है कि अगर आप बहुत ज्यादा दुखी या फिर खुश होते हैं तो ये दोनों ही परिस्थितियां आप पर भारी पड़ सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों ही परिस्थितों में मनुष्य अपने आप पर सबसे पहले नियंत्रण खो देता है। कई बार बहुत ज्यादा तकलीफ में आपके मुंह से आपके सीक्रेट लोगों के सामने खुल सकते हैं। वहीं ज्यादा खुशी में भी आपके मुंह से ऐसी बातें लीक हो सकती हैं जो आपने अभी तक किसी से साझा नहीं की थी।
मुश्किल आने पर मनुष्य ना छोड़े इस एक चीज का साथ, वरना भाग्य भी नहीं देगा आपका साथ
इन दोनों ही परिस्थितियों में मुंह से निकला शब्द आपके लिए घातक हो सकता है। क्योंकि इस वक्त मनुष्य का मन उसके अपने कंट्रोल में नहीं होता। भावनाएं इतनी ज्यादा उग्र होती हैं कि वो कुछ भी दूसरों के सामने शेयर कर सकता है। ऐसे में आपको हमेशा इन दोनों ही परिस्थितियों में अपनी भावनाओं को नियंत्रण में करना होगा। हालांकि ऐसा करना मुश्किल नहीं है बस आपको ध्यान रखना होगा।
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