A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र कंजक पूजन: नवरात्र की अष्टमी और नवमी एक ही दिन, जानिए कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

कंजक पूजन: नवरात्र की अष्टमी और नवमी एक ही दिन, जानिए कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नवरात्रों का समापन अष्‍टमी या नवमी पर कन्‍या पूजन के साथ होता है। जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारें में हर बातें...

Chaitra navratri shubh muhurat for kanjak kanya poojan and...- India TV Hindi Chaitra navratri shubh muhurat for kanjak kanya poojan and kanya pujan vidhi

धर्म डेस्क: नवरात्र के आखिरी दिन यानि नौवें दिन कन्या पूजन और उन्हें घर बुलाकर भोजन कराने का विधान होता है। दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन कन्याओ को नौ देवी स्वरुप मानकर इनका स्वागत किया जाता है। माना जाता है की इन कन्याओ को देवियों की तरह आदर सत्कार और भोज से मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती है और अपने भक्तो को सुख समृद्धि का वरदान दे जाती है।

अष्टमी और नवमी के दिन क्यों..
नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बडा महत्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिविंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्त का नवरात्र व्रत पूरा होता है। अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें भोग लगाकर दक्षिणा देने मात्र से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को उनका मनचाहा वरदान देती हैं।

नवरात्रि के किस दिन करें कन्या पूजन
कुछ लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन और भोज रखते हैं और कुछ लोग अष्टमी के दिन। लेकिन अष्टमी के दिन कन्या पूजन श्रेष्ठ रहता है।

शुभ मुहूर्त

चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि सुबह 08:03 तक ही रहेगी, उसके बाद नवमी तिथि लग जायेगी और नवमी तिथि अगले सूर्योदय के पहले ही 05:54 पर खत्म हो जायेगी। अतः 26 तारीख का सूर्योदय दशमी तिथि में होगा।

कन्या पूजन विधि
जिन कन्याओ को भोज पर खाने के लिए बुलाना है , उन्हें एक दिन पहले ही न्योता दे दे। गृह प्रवेश पर कन्याओ का पुरे परिवार के सदस्य  वर्षा से स्वागत करे और नव दुर्गा के सभी नौ नामो के जयकारे लगाए। अब इन कन्याओ को आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाकर इन सभी के पैरो को बारी बारी दूध से भरे थाल या थाली में रखकर अपने हाथो से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छुकर आशीष लेना चाहिए। पूरा जानने के लिए देखे वीडियो।

अगली स्लाइड में पढ़ें किस उम्र की कन्या की करनी चाहिए पूजा

Latest Lifestyle News