चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और गुरुवार का दिन है | नवमी तिथि देर रात 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगी | उसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जायेगी | चैत्र नवरात्र का नौवां दिन है और नवरात्रि के नौवें दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है | नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली मां सिद्धिदात्री |
कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है | मार्केण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और वशित्व, कुल आठ सिद्धियां हैं, जो कि मां सिद्धिदात्री की पूजा से आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं | देव पुराण के अनुसार भगवान शिव ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही सिद्धियों को प्राप्त किया था और इन्हीं की कृपा से भगवान नशिव अर्द्धनारीश्वर कहलाये | अतः विशिष्ट सिद्धियों की प्राप्ति के लिये आज के दिन सिद्धिदात्री की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए |
मां सिद्धिदात्री का स्वरुप
यह देवी भगवान विष्णु की प्रियतमा लक्ष्मी के समान कमल के आसन पर विराजमान हैं और हाथों में कमल, शंख, गदा व सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं।
रामनवमी 2020: ऑफिस या घर पर ऐसे करें राम यंत्र की स्थापाना, होगी सुख-सौभाग्य में बढ़ोतरी
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि
नवरात्र की नवमी के दिन सिद्धिदात्री की पूजा करना चाहिए। इस दिन कमल में बैठी देवी का ध्यान करना चाहिए। सुंगधित फूल अर्पित करें। आज मां को शहद अर्पित करें इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें- ऊं सिद्धिरात्री देव्यै नम:
इस मंत्र से करें देवी का पूजन
सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैररमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।
ऐसे करें हवन
इस दिन हवन जरूर करें। जिससे कि हर देवी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। इस दिन जो आप हवन करें। उस सामग्री में जौ और तिल अवश्य मिलाएं। इसके बाद कन्या पूजन भी करें।
Latest Lifestyle News