नवरात्र के दूसरे दिन राशियों के अनुसार करें इन मंत्रों का जाप, हो जाएंगे मालामाल
आज चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि और नवरात्र का दूसरा दिन है। आज माता दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जायेगा। यहां 'ब्रह्म' शब्द का अपरार्थ तपस्या से है और 'ब्रह्मचारिणी' का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली।
धर्म डेस्क: आज चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि और नवरात्र का दूसरा दिन है। आज माता दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जायेगा। यहां 'ब्रह्म' शब्द का अपरार्थ तपस्या से है और 'ब्रह्मचारिणी' का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली।
इसके पीछे की पूरी कहानी ये है कि नारद जी के उपदेश से मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की थी। इसलिए इन्हें तपश्चारिणी भी कहा जाता है। सफेद वस्त्र धारण किये हुए मां ब्रह्मचारिणी के दो हाथों में से दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल हैं।
ग्रहों पर आधिपत्य की बात करें तो मंगल ग्रह के ऊपर मां ब्रह्मचारिणी का आधिपत्य बताया गया है। अतः मंगल के दोषों से छुटकारा पाने के लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए। अपने कामों में विजय की प्राप्ति के लिये आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी के इस मंत्र का जाप करना 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम: ।'
आज के दिन इस मंत्र का केवल 21 बार जाप करने से भी आपको अपने कामों में सफलता जरूर मिलेगी। ये तो थी मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करके अपनी जीत हासिल करने की बात। साथ ही कल से नया भारतीय संवत्सर, 2075 शुरू हो चुका है और आपको बता दूं कि यह संवत्सर 'विरोधकृत' संवत्सर है। इस नये संवत्सर के दौरान, आकाशमंडल में ग्रह-नक्षत्रों की वर्तमान स्थिति के अनुसार विभिन्न राशिवालों को अपने जीवन में भरपूर प्यार, पैसा, शोहरत और अच्छा स्वास्थ्य पाने के लिये क्या उपाय करने चाहिए,
मेष राशि
इन राशि वालों अपने जीवनसाथी से भरपूर प्यार पाने के लिये आपको इस नये संवत्सर में भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए और प्रतिदिन श्री विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र है- 'ऊँ नमो भगवते नारायणाय।
साथ ही विष्णु गायत्री मंत्र का जाप भी करना चाहिए।
मंत्र है-
ऊँ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।।
वृष राशि
इन राशि वालों आपको अपने भय पर काबू पाने के लिए, साथ ही अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस नये संवत्सर में देवी महाकाली की उपासना करनी चाहिए और प्रतिदिन उनके मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र है- "आं हीं क्रां भद्रकाल्यै नमः"
मिथुन राशि
इन राशि वालों आपको अपने घर की सुख-शांति और समृद्धि बढ़ाने के लिये इस नये संवत्सर में भैरव की उपासना करनी चाहिए और प्रतिदिन भैरव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र है- "आं ह्रीं क्रों बम् बटुकाय आपद्उद्धारण कुरु कुरु बटुकाय बम् क्रों ह्रीं आं"
कर्क राशि
इन राशि वालों आपको अपने बिजनेस में भरपूर आर्थिक लाभ पाने के लिये इस नये संवत्सर में श्री विष्णु की उपासना करनी चाहिए और ''श्री विष्णु सहस्त्रनाम'' का जप करना चाहिए।