कर्क संक्रांति: आज बहुत ही शुभ संयोग, ये काम करना होगा श्रेष्ठ
कर्क संक्रांति को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। इसे श्रावण संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। जानिए महत्व और क्या करें।
धर्म डेस्क: कर्क संक्रांति को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। इसे श्रावण संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस समय से नकारात्मक शक्तियां तेजी से बढ़ जाती है। जिसके कारण ही शुभ काम करने की मनाही होती है। इस समय में दान-पुण्य, स्नान और उपासना करना श्रेष्ठ माना जाता है।
जब सूर्य किसी राशि विशेष में जाता है, तो वह संक्रांति कहलाता है। सूर्य हर माह राशिपरिवर्तन करता है। जिसके कारण पूरे साल में 12 संक्रांति पड़ती है। लेकिन इसमें दो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। मकर संक्रांति और कर्क संक्रांति। (16 जुलाई को सूर्य कर रहा है कर्क राशि में प्रवेश, इन राशियों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा प्रभाव )
सूर्य की कर्क संक्रांति के दौरान मन्दाकिनी नदी में स्नान करना महत्वपूर्ण माना जाता है। ये नदी प्रसिद्ध पौराणिक नगर चित्रकूट से होकर बहती है| हालांकि अगर आप आज के दिन मन्दाकनी नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो अपने घर के आसपास किसी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं। इससे भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी| सूर्य की कर्क संक्रांति का पुण्यकाल आज सुबह सूर्योदय से सुबह 10:27 तक रहेगा| आप इस समय के बीच कभी भी स्नान-दान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं|
मकर संक्रांति
इस संक्रांति में सूर्य मकर राशि पर प्रवेश करता है। तो मकर संक्रांति कहलाता है। इस दिन दान-पुण्य और स्नान करना बहुत ही शुभ होता है। इससे अग्नि तत्व की शुरुआत होती है। (Lunar Eclipse 2018: 27 जुलाई को दिखेगा 103 मिनट का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, भारत के इन हिस्सों में दिखेगा ब्लड मून )
कर्क संक्रांति
जब सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करता है। तो कर्क संक्रांति होती है। इससे जल तत्व की शुरुआत होती है। इस बार कर्क संक्रांति 16 जुलाई को है। इसके साथ ही सूर्य दक्षिणायन हो जाएंगे।
करें ये काम
- सूर्य भगवान के मंत्र का 108 बार जाप करें।
- मंत्र- ऊं आदित्याय नम:
- किसी निर्धन या जरुरतमंद को वस्त्र या अन्न का दान दें।
- पीपल या बरगद का पेड़ लगाएं।
- एक तांबे का कड़ा या छल्ला पहनना शुभ होता है।