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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र 7 अप्रैल को भाद्रा, जानिए क्या है यह और क्यों माना जाता है इसे अशुभ

7 अप्रैल को भाद्रा, जानिए क्या है यह और क्यों माना जाता है इसे अशुभ

आज हम बताएंगे कि आखिर भद्रा क्या है और कब यह शुभ होती है और कब अशुभ। साथ ही भद्रा के दौरान कौन-से कार्य किये जा सकते हैं और कौन-से कार्य नहीं किये जा सकते।

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धर्म डेस्क: आज वैशाख कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि और शनिवार का दिन है। आज के दिन हम भद्रा के बारे में चर्चा करेंगे। आप पंचांग में देखते होंगे, कई बार हमने भी आपको बताया है कि आज भद्रा है और भद्रा के दौरान ये शुभ काम नहीं करने चाहिए। आप भी कई बार ये विचार करते होंगे कि भद्रा तो दो-चार दिनों में एक बार आ ही जाती है। ऐसे में आधे से ज्यादा दिन तो शुभ कार्यों को करने की श्रेणी से वैसे ही निकल जाते हैं।

हर बार जब भी भद्रा पड़ती है तो वह हमेशा अशुभ नहीं होती। भद्रा के दौरान भले ही कुछ कार्य करना वर्जित है, लेकिन कुछ ऐसे भी कार्य हैं, जिन्हें भद्रा के दौरान करना शुभ माना जाता है। बृहस्पति ने लिखा है कि भद्रा के दौरान शत्रु का खेत उजाड़ना, क्रुर कर्म करना, यानी शत्रु की सर्जिकल स्ट्राइक के लिये भद्रा का समय बेहद फेवरेबल होता है। तो आज हम बताएंगे कि आखिर भद्रा क्या है और कब यह शुभ होती है और कब अशुभ। साथ ही भद्रा के दौरान कौन-से कार्य किये जा सकते हैं और कौन-से कार्य नहीं किये जा सकते।

ज्योति्ष विज्ञान के अनुसार

ज्योतिष विज्ञान के अनुसार भद्रा अलग-अलग बारह चन्द्र राशियों के अनुसार तीनों लोक- स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल में घूमती रहती है। इस विषय में सामान्यतः लोगों को अधिक जानकारी नहीं होती। उन्हें बस इतना पता होता है कि आज भद्रा है और भद्रा के दौरान शुभ कार्य नहीं करने हैं, लेकिन जब पृथ्वी लोक की भद्रा होती है, यानी जिस दिन चन्द्रमा कुंभ, मीन, कर्क या सिंह राशि में होता है, केवल तभी भद्रा शुभ कार्यों के लिये वर्जित होती है, क्योंकि उस समय भद्रा का मुख सम्मुख, यानी पृथ्वी के ठीक सामने होता है।

परन्तु जब भद्रा स्वर्ग लोक या पाताल लोक में होती है, यानी जब चन्द्रमा मेष, वृष, मिथुन या वृश्चिक राशि, साथ ही कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में होता है, तब भद्रा का कोई प्रभाव पृथ्वी लोक पर रहने वाले लोगों पर नहीं पड़ता, क्योंकि स्वर्ग लोक की भद्रा का मुख उर्ध्वमुखी, यानी ऊपर की तरफ होता है और पाताल लोक की भद्रा का मुख अधोगामी, यानी नीचे की तरफ होता है।

जानिए किस मुहूर्त में है भाद्रा

सबसे पहले अप्रैल महीने की 14 तारीख, शनिवार को सुबह 09:12 से रात 08:55 तक मीन राशि में पृथ्वी लोक की भद्रा रहेगी। उसके बाद 22 अप्रैल, रविवार को शाम 04:17 से अगली सुबह 03:17 तक कर्क राशि में भद्रा रहेगी। साथ ही मई के महीने में 10 तारीख, गुरुवार को सुबह 10:58 से रात 11:28 तक कुंभ राशि में और 21 तारीख, सोमवार को रात 10:13 से अगले दिन सुबह 09:22 तक सिंह राशि में पृथ्वी लोक की भद्रा रहेगी।

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