धर्म डेस्क: माघ माह की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी मनायी जाती है। बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहते हैं। इस दिन से ऋतुराज वसन्त, यानी बसंत ऋतु का आरंभ माना जाता है। इस दिन छात्र, कलाकार आदि को मां सरस्वती की पूजा अवश्क करनी चाहिए।
महत्व
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने का विधान है। मां सरस्वती विद्या और कला की देवी हैं। ऋग्वेद में देवी सरस्वती का वर्णन करते हुए कहा गया है-
प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु।
अर्थात् ये परम चेतना हैं। सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हमारे अंदर जो आचार और मेधा है, उसका आधार मां सरस्वती ही हैं। इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की चालीसा करना भी बहुत ही उत्तम होता है। इस दिन पीले कपड़े बी पहनना चाहिए। इसके साथ ही हो सकते तो पीला भोजन करना चाहिए। जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व।
पूजन करने का शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी की पूजा का मुहूर्त: 07:17 अवधि 5 घंटे 15 मिनट
पंचमी तिथि प्रारंभ: 21 जनवरी 2018 रविवार को दोपहर 3:33 से
पंचमी तिथि समाप्त: 22 जनवरी 2018 सोमवार को दोपहर 4:24 बजे समाप्त होगी।
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