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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Bakrid 2017: जानिए, आखिर बकरीद के दिन क्यों दी जाती है बकरे की 'कुर्बानी', ये है इसके पीछे का सच

Bakrid 2017: जानिए, आखिर बकरीद के दिन क्यों दी जाती है बकरे की 'कुर्बानी', ये है इसके पीछे का सच

Bakrid 2017: इस्लाम में एक साल में दो तरह ईद की मनाई जाती है। एक ईद जिसे मीठी ईद कहा जाता है और दूसरी बकरीद। इस बकरीद में बकरें की कुर्बानी दी जाती है। जानिए इसके पीछे का क्या है सच और क्या सीख देती है बकरीद..

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तब से इसी की याद में ये त्यौहार को मनाया जाता है। हजरत इब्राहिम को पैगंबर के रूप में जाना जाता है जो अल्लाह के सबसे करीब हैं। उन्होंने त्याग और कुर्बानी का जो उदाहरण विश्व के सामने पेश किया वह अद्वितीय है। इस्लाम के विश्वास के मुताबिक अल्लाह हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने उनसे अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी देने के लिए कहा। कुछ जगह लोग ऊंटों की भी बलि देते हैं। तब ही से कुर्बानी देने की परंपरा चली आ रही है जिसे बकरीद ईद-उल-जुहा के नाम से दुनियाँ जानती हैं |

बकरीद का सच

इस्लाम में हज करना जिंदगी का सबसे जरुरी भाग माना जाता हैं। जब वे हज करके लौटते हैं तब बकरीद पर अपने अज़ीज़ की कुर्बानी देना भी इस्लामिक धर्म का एक जरुरी हिस्सा हैं जिसके लिए एक बकरे को पाला जाता हैं। दिन रात उसका ख्याल रखा जाता हैं। ऐसे में उस बकरे से भावनाओं का जुड़ना आम बात हैं। कुछ समय बाद बकरीद के दिन उस बकरे की कुर्बानी दी जाती हैं।

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