अशून्य शयन व्रत: इस व्रत को करने से जीवनसाथी नहीं होगा दूर, ये उपाय करने से होगी धन की प्राप्ति
आज अशून्य शयन व्रत है। आप तो जानते ही होंगे कि चातुर्मास के चार महीनों के दौरान हर माह के कृष्ण पक्ष की द्वितिया को यह व्रत किया जाता है।
आज अधिक आश्विन कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और शनिवार का दिन है। द्वितीया तिथि आज पूरा दिन पूरी रात पार कर कल सुबह 7 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। आज अशून्य शयन व्रत है। आप तो जानते ही होंगे कि चातुर्मास के चार महीनों के दौरान हर माह के कृष्ण पक्ष की द्वितिया को यह व्रत किया जाता है।
अशून्य शयन द्वितिया का अर्थ है- बिस्तर में अकेले न सोना पड़े। जिस प्रकार स्त्रियां अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिये करवाचौथ का व्रत करती हैं, ठीक उसी तरह पुरूषों को अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिये यह व्रत करना चाहिए। क्योंकि जीवन में जितनी जरूरत एक स्त्री को पुरुष की होती है, उतनी ही जरूरत पुरुष को भी स्त्री की होती है। हेमाद्रि और निर्णयसिन्धु के अनुसार अशून्य शयन द्वितिया का यह व्रत पति-पत्नी के रिश्तों को बेहतर बनाने के लिये बेहद अहम है। यह व्रत रिश्तों की मजबूती को बरकरार रखने में मदद करता है।
इस व्रत में लक्ष्मी तथा श्री हरि, यानी विष्णु जी का पूजन करने का विधान है। दरअसल शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु का शयनकाल होता है और इस अशून्य शयन व्रत के माध्यम से शयन उत्सव मनाया जाता है। कहते हैं जो भी इस व्रत को करता है, उसके दाम्पत्य जीवन में कभी दूरी नहीं आती। साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति तथा सौहार्द्र बना रहता है। अतः ग्रहस्थ पति को यह व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत में किस प्रकार भगवान की प्रार्थना करनी चाहिए, वो भी मैं आपको बता देता हूं-
लक्ष्म्या न शून्यं वरद यथा ते शयनं सदा।
शय्या ममाप्य शून्यास्तु तथात्र मधुसूदन।।
अर्थात् हे वरद, जैसे आपकी शेषशय्या लक्ष्मी जी से कभी भी सूनी नहीं होती, वैसे ही मेरी शय्या अपनी पत्नी से सूनी न हो, यानी मैं उससे कभी अलग ना रहूं, ऐसी प्रार्थना करनी चाहिए। इस व्रत में शाम के समय चन्द्रोदय होने पर अक्षत, दही और फलों से चन्द्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। बता दूं कि आज के दिन चन्द्रोदय शाम 6 बजकर 47 मिनट पर होगा।
फिर अगले दिन, यानी तृतीया को, यानी कल के दिन किसी ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेकर उन्हें कोई मीठा फल देना चाहिए। इस प्रकार व्रत आदि करने से आपके जीवनसाथी पर आने वाली सारी मुसीबतों से आपको छुटकारा मिलता है।.
आपको बता दें कि इस व्रत में पूजा के दौरान मौन धारण करना चाहिए, यानी बिना कुछ बोले सारी विधि करनी चाहिए। ऐसा करना शुभ फलदायी माना जाता है।
आज रात 10 बजकर 07 मिनट तक व्याघात योग रहेगा | इस योग के दौरान कोई भी शुभ या मंगल कार्य नहीं करना चाहिए और ना ही कोई नया कार्य आरंभ करना चाहिए | साथ ही आज पूरा दिन पूरी रात पार कर कल दोपहर पहले 11 बजकर 52 मिनट तक अश्विनी नक्षत्र रहेगा। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए अशून्य व्रत में किये जाने वाले कुछ उपायों के बारे में जिन्हें करके आप अपने दाम्पत्य संबंधों में आ रही बाधाओं को कम कर सकते हैं, परिवार में सौहार्द और मधुरता बढ़ा सकते हैं।
- एक सिंदूर की डिब्बी में पांच गोमती चक्र रख कर उन्हें घर के मन्दिर में या पत्नी के श्रृंगार के सामान के साथ रख दें, पति-पत्नी के बीच में प्यार बढ़ाने के लिये यह कारगर उपाय है | इसके साथ ही आज एक भोजपत्र या सादे सफेद कोरे कागज पर लाल कलम से "हं हनुमंते नमरु" लिख कर मंत्र का जाप करते हुए घर के किसी कोने में रख दें |
- अगर आपका अपनी पत्नी से कुछ मन-मुटाव चल रहा है, तो आज रात को सोते समय अपनी पत्नी के तकिए के नीचे कपूर रख दें और अगले दिन उस कपूर को जला दें। अगर यही स्थिति पति के साथ हो तो पत्नी अपने पति के तकिये के नीचे सिंदूर की पुड़िया रख दें और सुबह अपने पति से कहें कि वह आपकी मांग में इस सिन्दूर को भरे। इससे आपके रिश्ते में मजबूती आयेगी। दोनों के बीच मन-मुटाव दूर करके प्यार को बढ़ाने के लिये एक और उपाय है-
- रात को सोते समय एक पात्र में पानी भरकर अपने बिस्तर के नीचे रखें | दूसरे दिन सुबह उस जल को घर के बाहर छिड़क दें | इसके साथ ही प्रतिदिन दो तुलसी की पत्ती को पूजा के समय मन्दिर में रखें और गायत्री मंत्र का 11 बार जाप करके एक पत्ता खुद खाएं और एक अपनी पत्नी को खिला दें, तो यह आपके रिश्ते के लिये और भी अच्छा होगा।
- अब मैं आपको अपनी पत्नी को अपनी और आकर्षित करने के लिये शाबर मन्त्र का एक प्रयोग बताता हूं, सुनिए.... 'ऊँ क्षों ह्रीं ह्रीं आं ह्रां स्वाहा' इस मंत्र को आज से शुरू करके सात दिन तक लगातार लाल वस्त्र पहन कर तथा कुमकुम की माला धारण कर एक सौ एक बार जपे। इस मंत्र के जाप से आपकी पत्नी का प्यार आपके लिये कहीं अधिक बढ़ जायेगा। अगर आप इस मंत्र का जाप करने में कठिनाई महसूस करते हैं, तो आप केवल 'ओम् ह्रीं नमः' मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। आज भगवान लक्ष्मीनारायण के चित्र या मूर्ति पर अपने हाथों से पीपल के पत्तों की माला धागे में पिरोकर अर्पित करें।
- माता लक्ष्मी को आज के दिन सौंदर्य प्रसाधन, यानी श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। आज सिक्के पर, चाहें एक रूपये का सिक्का हो, दो का हो या पांच का, उस पर अच्छी खुशबू वाला इत्र लगाकर विष्णु और लक्ष्मी जी के मंदिर में चढ़ाएं, आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी होगी। आज पति-पत्नी मिलकर पक्षियों को बाजरे का दाना जरूर खिलाएं।
- रात्रि के पहले पहर में मौन व्रत रहने से नौकरी में पदोन्नति मिलेगी। मौन व्रत चाहें आप किसी भी समय रहें लेकिन 20 मिनट तक जरूर रहें। अगर आप लगातार 20 मिनट तक न रह सके तो दिन में 5-5 मिनट करके चार बार या 10-10 मिनट करके 2 बार मौन व्रत रह सकते हैं। इससे आपका समय और मकसद दोनों पूरा हो जायेगा।