आचार्य इंदु प्रकाश से आज जानें पुडुचेरी के मनकुला विनायक मंदिर के बारे में। मान्यता है कि मनकुला विनयाक मंदिर में आने वाले भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं श्री गणेश मंदिर का इतिहास साल 1666 से भी पहले का है।
शास्त्रों में गणेश जी के कुल 16 रूपों का वर्णन मिलता है। इनमें पुडुचेरी के गणपति प्रमुख हैं। गणपति का ये रूप अत्यंत मनमोहक है। इनका मुख सागर की तरफ है इसलिए इन्हें भुवनेश्वर गणपति भी कहा गया है।
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तमिल में मनल का मतलब बालू और कुलन का मतलब सरोवर से है। माना जाता है कि किसी जमाने में यहां गणेश मूर्ति के आसपास बालू ही बालू था। इसलिए लोग इन्हें मनकुला विनयागर पुकारने लगे। इस मंदिर के बारे में लोगों की मान्यता है कि प्राचीन काल में यहां स्थित भगवान गणेश की प्रतिमा को कई बार समुद्र में फेंका गया। लेकिन प्रतिमा उस स्थान पर पुन: प्रकट हो जाती थी। इस दिव्य मंदिर की महत्ता का वर्णन पुराणों में भी मिलता है। कीजिए गणपति के इस अद्भुत मंदिर के दर्शन।
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