A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Ahoi Ashtami 2017: इस विधि से पूजा कर रखें अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत, ये है शुभ मुहूर्त

Ahoi Ashtami 2017: इस विधि से पूजा कर रखें अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत, ये है शुभ मुहूर्त

कार्तिक कृष्ण अष्टमी के दिन व्रत रखा जाता है। उत्तर भारत में और विशेष रूप से राजस्थान में महिलाएं बड़ी निष्ठा के साथ इस व्रत को करती हैं। यहनिर्जला व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। जानिए पूजा विधि, कथा और शुभ मुहूर्त के बारें में...

ahoi astrmi

अहोई अष्टमी की पौराणिक व्रत कथा
प्राचीन काल में एक साहूकार था, जिसके सात बेटे और सात बहुएं थी। इस साहूकार की एक बेटी भी थी जो दीपावली में ससुराल से मायके आई थी। दीपावली पर घर को लीपने के लिए सातों बहुएं मिट्टी लाने जंगल में गई तो ननद भी उनके साथ चली गई। साहूकार की बेटी जहां मिट्टी काट रही थी, उस स्थान पर स्याहु (साही) अपने साथ बेटों से साथ रहती थी। मिट्टी काटते हुए गलती से साहूकार की बेटी की खुरपी के चोट से स्याहु का एक बच्चा मर गया। जिसेक कारण साही उस पर क्रोधित हो गई और बोली कि मैं तुम्हारी कोख बांधूंगी।
 
साहूकार की बेटी यह बात सुन कर डर गई और अपनी सातों भाभियों से एक-एक कर विनती करती हैं कि वह उसके बदले अपनी कोख बंधवा लें। सबसे छोटी भाभी ननद के बदले अपनी कोख बंधवाने के लिए तैयार हो जाती है। इसके बाद छोटी भाभी के जो भी बच्चे होते हैं वे सात दिन बाद मर जाते हैं। सात पुत्रों की इस प्रकार मृत्यु होने के बाद उसने पंडित को बुलवाकर इसका कारण पूछा। पंडित ने सुरही गाय की सेवा करने की सलाह दी।
 
सुरही सेवा से प्रसन्न होती है और उसे साही के पास ले जाती है। रास्ते में थक जाने पर दोनों आराम करने लगते हैं। अचानक साहूकार की छोटी बहू की नजर एक ओर जाती हैं, वह देखती है कि एक सांप गरूड़ पंखनी के बच्चे को डंसने जा रहा है और वह सांप को मार देती है। इतने में गरूड़ पंखनी वहां आ जाती है और खून बिखरा हुआ देखकर उसे लगता है कि छोटी बहू ने उसके बच्चे को मार दिया है इस पर वह छोटी बहू को चोंच मारना शुरू कर देती है।
 
छोटी बहू इस पर कहती है कि उसने तो उसके बच्चे की जान बचाई है। गरूड़ पंखनी इस पर खुश होती है और सुरही सहित उन्हें साही के पास पहुंचा देती है। वहां साही छोटी बहू की सेवा से प्रसन्न होकर उसे सात पुत्र और सात बहू होने का आशीर्वाद देती है। साही के आशीर्वाद से छोटी बहू का घर पुत्र और पुत्र वधुओं से हरा भरा हो जाता है और सभी हंसी -खुशी रहने लगते है।

Latest Lifestyle News