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देव के जगने के बाद नहीं होगे शुभ कार्य, जानिए कब-कब है विवाह के शुभ मुहूर्त

देवुत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु जग जाते है। जिसके साथ ही शुभ कार्य होना शुरु हो जाते है। लेकिन इस बार नंवबर और दिसंबर में केवल 15 ही विवाह के शुभ मुहूर्त है, क्योंकि इस बार भगवान के जगने के बाद भी शुभ काम नही होगे। जानिए क्यों..

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धर्म डेस्क: देवुत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु जग जाते है। जिसके साथ ही शुभ कार्य होना शुरु हो जाते है।  लेकिन इस बार नंवबर और दिसंबर में केवल 15 ही विवाह के शुभ मुहूर्त है, क्योंकि इस बार भगवान के जगने के बाद भी शुभ काम नही होगे।

दरअसल देवशयनी एकादशी से देवुत्थान एकादशी तक यानी चार महीने भगवान विष्णु का शयनकाल है। जिसमें कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। देवुत्थान एकादशी के दिन तुलसी विवाह कराया जाता है। जिसके साथ शुभ काम शुरु हो जाते है। लेकिन इस बार शुभ काम में देरी है। इसका मुख्य काररण गुरु और शुक्र का अस्त होना है।

गुरु और शुक्र ग्रह दोनों ही विवाह के कारक ग्रह होते है। जिनसे बिना विवाह नहीं हो सकता है। इन दोनों का उदय 10 नवंबर को होगा।

10 नवंबर को दोनों उदय होने के साथ-साथ सूर्य 17 नवंबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। जिसके कारण विवाह मुहूर्त 19 नवंबर से शुरु होकर 12 दिसंबर तक का ही मुहूर्त है। जिसके कारण इन दो माह में केवल 15 मुहूर्त है।

नवंबर माह में शुभ मुहूर्त
इस साल नवंबर माह में  विवाह के शुभ मुहूर्त 19, 22, 23, 24, 28, 29 और 30 है।

दिसंबर माह में शुभ मुहूर्त
इस माह में सिर्फ 5 ही शुभ मुहूर्त है। जो कि 3, 4, 10, 11, 12 है। इसके बाद साल 2018 में विवाह के मुहूर्त मकर संक्रांति के बाद से शुरु है। जो कि मार्च में होली तक है। इसके बाद कुछ माह के लिए विवाह नहीं होगे।

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