धर्म डेस्क: रामनवमी चैत्र शुक्ल की नवमी मनाया जाता है। जोकि इस बार 15 अप्रैल, शुक्रवार को है। इसके साथ ही चैत्र वनरात्र की समाप्ति होगी। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। जिसके कारण ये हिंदू धर्म में बहुत ही धूमधाम से मानया जाता है।
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रामनवमी का व्रत पापों का क्षय करने वाला और शुभ फल प्रदान करने वाला होता है। राम नवमी के उपलक्ष्य पर देश भर में पूजा पाठ और भजन किर्तनों का आयोजन होता है। देश के कोने कोने में रामनवमी पर्व की गूंज सुनाई पड़ती है। इस दिन लोग उपवास करके भजन कीर्तन से भगवान राम को याद करते है। राम जन्म भूमि अयोध्या में यह पर्व बडे हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है। वहां सरयु नदी में स्नान करके सभी भक्त भगवान श्री राम जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
रामनवमी में इस बार बहुत ही दुर्लभ संयोग है। गणना के अनुसार इस बार बुधादित्य योग के साथ-साथ पुष्य नक्षत्र भी है। रामनवमी के दिन सूर्य और बुध मिलकर ये योग बना रहे है। जो कि बहुत ही अच्छा मुहूर्त है। ऐसा मुहूर्त की सालों बाद बना है। यह शुभ मुहूर्त सूर्योदय से लेकर 3 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस नक्षत्र में कोई चीज खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है।
इस दिन दान-पुण्य का अधिक महत्व होता है। इसके लिए जरुरतमंदो, गरीबों को अपनी इच्छानुसार दान दें। इससे भगवान प्रसन्न होते है। जिससे आपके घर में कभी धन की कमी नहीं होती है। साथ ही हमेशा आपके परिवार के ऊपर भगवान श्री राम की कृपा बनी रहेगी।
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