धर्म डेस्क: 8 फरवरी को पडने वाली सोमवती मौनी अमावस्या का इस बार महासंयोग है। यह अमावस्या 24 साल बाद अर्द्धोदय नाम का महायोग बन रहा है। इस दिन दान और स्नान करना एक हजार सूर्यग्रहण के समय करने के बराबर पुण्य मिलेगा। आपको बता दे कि यह योग सिंहस्थ से पहले 3 फरवरी 1992 को बना था। जो इस बार सिंहस्थ से पहले 8 फरवरी को बन रहा है।
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ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार मौनी अमावस्या को विशिष्ट बनाने के पीछे का कारण मौनी अमावस्या, सोमवार का दिन, व्यतिपात योग, चतुष्पाद करण, मकर राशि का चंद्रमा होने के कराण यह सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में दान. स्नान और पितृकर्म करने का विशेष योग है।
इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान, दीन-हीन गायों की सेवा, दरिद्र की सहायता एवं जरूरतमंद को दिए गए दानपुण्य का महत्व विशेष फलदायी माना गया है।इस दिन भगवान शिव और विष्णु की वैदिक पद्धति से पूदा करने पर आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार बसंत पंचमी के दिन शुक्रवार 12 फरवरी को जलतत्व की राशि मकर में बुध, शुक्र का साथ होना सर्वत्र वृष्टि कारक है।
इस दिन सृष्टि की रचना का जन्मदिवस भी है
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस सोमवार के दिन सृष्टि की रचना का जन्मदिवस भी है। हमारें धर्मग्रंथों में वर्णन मिलता है कि सृष्टि के रचयिता प्रजापिता ब्रह्मा जी ने माघ मास की अमावस्या को सृष्टि रचना के उद्देश्य से अपनी योग एवं तपोशक्ति के बल पर इस सृष्टि के आदि पुरुष महाराज ऋषि मनु एवं महारानी शतरूपा को प्रकट कर सृष्टि रचना का शुभारंभ किया था इसलिए इस दिन को मनु महाराज का जन्मदिन होने के कारण भी मनु अथवा मौनी अमावस्या कहा जाता है।
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