नई दिल्ली: नवग्रहों में मंगल एक ऐसा ग्रह है। जिसको लेकर हर जातक को भय भी रहता है। भूमि पुत्र होने से मंगल को कृषि से जुड़ी चीजों का भी कारक माना जाता है, लेकिन
mangal grah
मंगल दोष के निवारण के लिए मूंगा रत्न भी धारण करें। रत्न जातक की कुंडली में मंगल के क्षीण अथवा प्रबल होने या अंश के अनुसार उसकी डिग्री के हिसाब से पहना जाता है। किसी भी रत्न का मानक रत्ती के हिसाब से होता है अत: कुंडली में मंगल की स्थिति महादशा, अंतरदशा और प्रत्यंतर दशा के अनुसार रत्ती के हिसाब से मूंगा धारण करना चाहिए।
कुंडली में यदि मंगल नीच का है अथवा बहुत ही कम डिग्री का है तो मंगल दोष के निवारण के लिए मंगल के जाप भी किए जा सकते हैं। इसके लिए मंत्र ऊं भौम भौमाय नम: अथवा किसी जानकार ज्योतिषी के अनुसार करना चाहिए। इसके अलावा मंगलवार का व्रत भी किया जा सकता है। और मंगलवार को मंगल ग्रह से जुड़ी लाल वस्तुओं का दान भी किया जा सकता है।