नई दिल्ली: नवग्रहों में मंगल एक ऐसा ग्रह है। जिसको लेकर हर जातक को भय भी रहता है। भूमि पुत्र होने से मंगल को कृषि से जुड़ी चीजों का भी कारक माना जाता है, लेकिन साहसी और नव ग्रहों में सूर्य के बाद सेनापति की संज्ञा दिए जाने के कारण मंगल को पराक्रम साहस और शूरता का अधिपति ग्रह भी माना जाता है।
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मंगल शरीर में रक्त का कारक होता है अत: ज्योतिष शास्त्र में मंगल को लाल रंग का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह माना जाता है।
अगर आपककी मंगल दोष है जिसकी कारण आपको विवाह संबंधी परेशानियों, रक्त संबंधी बीमारियों और भूमि-भवन संबंधी की परेशानियों का सामना करना पड रहा है तो इन उपायों से आप इस दोष को कम कर सकते है।
अगर आपकी कुंडली में लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव और द्वादश भाव में मंगल स्थित होता है तो वह मंगल दोष माना जाता है। अगर ये जिसकी भी कुंडली में होता है। उसके जीवन में उथल-उथल मच जाती है, कोई भी कार्य सफल नहीं होता, तमाम कोशिशों के बाद भी वह असफल ही रहता है। साथ ही रक्त संबंधी कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते है। जानिए इन उपायो के बारें में।
- हर मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजन करना चाहिए। साथ ही मंगलदेव की पूजा करें। इन्हें प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय वस्तुओं जैसे लाल मसूर की दाल, लाल कपड़े का दान करना चाहिए।
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