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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र 58 साल बाद धनतेरस और प्रदोष व्रत का दुर्लभ संयोग, होगी धनवर्षा

58 साल बाद धनतेरस और प्रदोष व्रत का दुर्लभ संयोग, होगी धनवर्षा

नई दिल्ली: दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा पर्व होता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दीपावली की तैयारियां शुरू हो जाती है, जो व्यापक स्तर

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नई दिल्ली: दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा पर्व होता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दीपावली की तैयारियां शुरू हो जाती है, जो व्यापक स्तर पर की जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ चौदह साल का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। दीपालवी के दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। इस बार धनतेरस 9 नवंबर को मनाया जा रहा है।

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धनतेरस में इस बार बहुत अच्छा संयोग है। इस बार धनतेरस सोमवार के दिन पड़ रहा है जिसके कारण इस दिन प्रदोष व्रत भी है। ऐसा संयोग 58 साल बाद पड़ रहा है।

प्रदोष का व्रत हर बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में पड़ता है। जो कि त्रयोदशी के दिन होता है। इस बार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को दोनों पडनें के कारण बहुत ही बड़ा संयोग है। ऐसा संयोग आपके घर धन-धान्य लेकर आएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा बड़े ही विधि-विधान से की जाती है।

धनतेरस और भगवान शिव के प्रदोष व्रत के मिलन लगभग 58 साल बाद चंद प्रदोष व्रत का सयोंग बन रहा है। जिसमें शिव के सीथ कुबेर की पूजा करने का अद्भुत संयोग माना जा रहा है। जो जातकों के लिए खुशिया लेकर आया है। सुबह 8 बजे से चित्रा नक्षत्र का शुभागमन है। जो कि सबके लिए अधिक फलदायी है।

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