पुराने जमाने यानी दादा-दादी के समय की बात करें, तो खाना बनाने के लिए आयरन के बर्तनों का इस्तेमाल काफी आम होता था। लेकिन, मॉडर्नाइजेशन के साथ लोगों की किचन पूरी तरह अपडेट हो गई है। आज हर कोई अपनी रसोई में मॉडर्न और सुंदर बर्तनों को रखना चाहता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए बाजार में आयरन की जगह कास्ट आयरन के कुकवेयर आ गए हैं। ये दिखने में क्लासी तो होते ही हैं साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी हैं।
आयरन के बर्तनों में खाना बनाने से शरीर में आयरन का स्तर बढ़ता है। यही वजह है आयरन की कमी से जूझ रहे लोगों को आयरन के बर्तनों में खाना बनाकर खाने के लिए कहते हैं। कई शोध में भी इस बात की पुष्टि होती है कि आयरन के बर्तनों में बना खाना आयरन से भरपूर होता है। इसके अलावा, आयरन के बर्तन में एल्यूमिनियम और स्टील के बर्तन की तुलना में कम ऑयल लगता है। हम सभी जानते हैं कि ज्यादा ऑयली फूड हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है।
आयरन के बर्तन में खाना बनाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
आयरन के बर्तन में खाना बनाने से होने वाले फायदों को हासिल करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनके बारे में नीचे बिंदुवार जानकारी दे रहे हैं।
- लोहे के बर्तन में कभी भी एसिडिक फूड्स को नहीं बनाना चाहिए। जैसे जिन चीजों में नींबू, टमाटर, सिरका आदि डालना होता है, आयरन के बर्तन में उन्हें बनाने की सख्त मनाही होती है।
- इस लिस्ट में अगला नाम मछली का आता है। कभी भी आयरन के बर्तन में मछली न बनाएं।
- चावल, पास्ता, अंडा बनाने से परहेज करना चाहिए।
- लोहे के बर्तन में रोजाना खाना बनाकर नहीं खाना चाहिए। हफ्ते में दो बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- लोहे के बर्तन की साफ सफाई का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इसे हमेशा माइल्ड डिटर्जेंट से साफ कर तुरंत धूप में रखकर या गैस पर चढ़ाकर सुखाना चाहिए। क्योंकि यदि इसमें पानी रह जाता है, तो यह मॉइश्चर के संपर्क में आकर रस्ट बन जाता है।
- लोहे की कढ़ाई में कुछ भी बनाने के बाद इसे तुरंत नॉर्मल स्टील के बर्तन में ट्रांसफर करना चाहिए। कभी भी इसमें खाने को स्टोर करके न रखें।
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