इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने को रमज़ान या रमदान कहते हैं। इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए यह एक पवित्र महीना माना गया है। रमज़ान के दौरान, हर दिन रोज़े (उपवास) रखे जाते हैं और इस दौरान सुबह (सहरी) से लेकर शाम (इफ़्तारी) तक लगभग 14 से 15 घंटे तक कुछ भी खाया पिया नहीं जाता।खाने-पीने का समय अचानक बदल जाता है और इस दौरान कई लोगों को सेहत से जुड़ी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिससे आप रोज़े के दौरान अपनी सेहत का भी ध्यान रख पाएंगे:
पानी ज़्यादा पिएं:
इफ़्तारी से सहरी तक के बीच के समय में उतना ही पानी पिएं जितना कि आप सामान्य दिनों में पीते हैं। अगर आप हर दिन 7-8 गिलास पानी पीते थे, तो रमज़ान में भी उतना ही पिएं और नियमित अंतराल पर पिएं। इससे आप सरदर्द जैसी अन्य समस्याओं से बच सकते हैं।
दोनों समय खाएं:
सहरी और इफ़्तारी, दोनों ही वक्त खाना खाएं। कई लोग इफ़्तारी के समय तो खा लेते हैं, लेकिन सहरी के समय नहीं खा पाते, क्योंकि उन्हें एकदम सुबह खाने की आदत नहीं होती। लेकिन, सुबह नहीं खाने से आपको दिनभर तरोताज़ा महसूस नहीं होता और एनर्जी भी नहीं मिल पाती है।
शाम में ज़्यादा न खाएं:
रोज़े को आमतौर पर खजूर, पानी और फलों से तोड़ा जाता है। शुरू में हल्का खाएं। एक साथ ज़्यादा खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
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