Khus khus juice in uric acid: यूरिक एसिड की समस्या, खराब मेटाबोलिज्म के साथ बढ़ती जा रही है। दरअसल, जब शरीर में प्रोटीन का मेटाबोलिज्म स्लो होता है तो शरीर प्यूरिन पचाने में अक्षम होता जाता है। फिर यूरिक एसिड शरीर में जमा होने लगता है और इसके क्रिस्टल्स हड्डियों के बीच गैप पैदा करते हुए गाउट की समस्या का कारण बन जाते हैं। ऐसे में खसखस के बीजों (khus khus benefits) का सेवन कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। कैसे, जानते हैं विस्तार से।
यूरिक एसिड में खसखस के फायदे-khus khus juice in uric acid
1. एनाल्जेसिक है खसखस
दर्द से राहत के लिए खसखस एक आजमाया हुआ विकल्प रहा है। ऐसे में गाउट के दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी में बीज मिलाकर बनाया गया खसखस का जूस आपको बेहतर महसूस करवा सकता है। साथ ही ये एंटीइंफ्लेमेटरी भी है जो कि पैरों में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
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2. प्यूरिन को शरीर से करता है फ्लश ऑउट
प्यूरिन पचाने में खसखस के बीजों का सेवन कई मामले में मददगार हो सकता है। दरअसल, खसखस का जूस पेट में जाकर अपने साथ प्यूरिन के कणों को बांध लेता है और मल-मूत्र के जरिए इसे बाहर निकालने में मदद करता है। इस तरह ये शरीर से प्यूरिन को फ्लश ऑउट करता है और यूरिक एसिड की समस्या में लाता है।
3. प्रोटीन मेटाबोलिज्म को तेज करता है
खसखस के बीजों का सेवन प्रोटीन मेटाबोलिज्म को तेज करने में मददगार है। खस खस आहार फाइबर से भरपूर होने के कारण पाचन में मदद करता है और सूजन को रोकता है। ये प्रोटीन पचाने वाले एंजाइम्स को बढ़ावा देता है, पेट ठंडा करता है और फिर यूरिक एसिड की समस्या को कंट्रोल करने में मदद करता है।
तो, खसखस के बीजों को भिगोकर रख दें। फिर सुबह इसमें थोड़ा सा नींबू, काला नमक, शहद और ठंडा पानी मिला कर जूसर में चला लें। फिर इसका सेवन करें।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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