बाल गोपाल कान्हा को खाने-पीने का बड़ा शौक था। दूध दही और माखने से कान्हा का पेट कभी नहीं भरता। तभी तो बचपन में माखन चोर कान्हा की मां यशोदा ने कई बार जमकर पिटाई की थी। माखने की मटकी देखते ही कान्हा का जी मचलने लगता था। ऐसे में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कान्हा को माखन मिश्री का भोग लगाएं और उन्हें पंचामृत का प्रसाद खिलाएं। पंचामृत को दही और कुछ चीजों से घर में आसानी से तैयार किया जा सकता है। आप इस रेसिपी से फटाफट पंचामृत का प्रसाद बना सकते हैं।
पंचामृत कैसे बनाते हैं, ये है रेसिपी:
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स्टेप 1- पंचामृत को दही से तैयार किया जाता है। आप इसके लिए ताजा घर का दही या मार्केट का दही इस्तेमाल कर सकते हैं। दही को मथनी से हल्का चलाकर ब्लैंड कर लें। आप इसमें थोड़ा पानी डालकर पतला भी कर सकते हैं।
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स्टेप 2- अब पंचामृत के लिए सभी मेवा को बारीक काट लें। आप अपनी पसंद से कोई भी मेवा इसमें मिला सकते हैं। वैसे चिरौंजी और भुने मखाने का स्वाद पंचामृत में बहुत अच्छा लगता है। ये दोनों चीजें जरूर डालें।
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स्टेप 3- अब पंचामृत में चीनी को पीसकर मिलाएं। आप चाहें तो बूरा भी मिला सकते हैं। आपको इतनी चीनी मिलानी है कि दही अच्छे से मीठा हो जाए। अब बारी है इसमें पांच अमृत मिलाने की।
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स्टेप 4- पंचामृत को पांच अमृत से तैयार किया जिसमें दही, दूध, शहद, गंगाजल और घी शामिल हैं। इन चीजों को थोड़ा-थोड़ा दही में मिक्स कर लें। अब इसमें तुलसी के पत्ते डाल दें और कटे हुए मेवा मिला दें।
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स्टेप 5- स्वाद बढ़ाने के लिए पंचामृत में आधा चम्मच इलायची का पाउडर भी मिक्स कर दें। इससे काफी अच्छी खुशबू आएगी। अब जब पंचामृत का भोग लगाएं या किसी को सर्व करें तो इसमें भुने हुए मखाने डालकर सर्व करें।
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स्टेप 6- पंचामृत में आप पके हुए केले काटकर भी डाल सकते हैं। इस पंचामृत को आप ऐसे ही या फिर पंजीरी से साथ मिलाकर भी खा सकते हैं। कान्हा के भोग में पंचामृत और पंजीरी शामिल की जाती है। आप सिर्फ पंचामृत से भी भोग लगा सकते हैं।
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