भारत की अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरह की खाने की चीजें बनाई जाती हैं। राजस्थान का दाल बाटी चूरमा, बिहार का लिट्टी चोखा, गुजरात का खमन ढोकला, इसी तरह से अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग डिश पॉपुलर हैं। लेकिन क्या आप लाल चीटियों की चटनी के बारे में जानते हैं? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस रेसिपी को ओडिशा के मयूरभंज डिस्ट्रिक्ट में बनाया जाता है। इतना ही नहीं इस चटनी को जीआई टैग भी मिल चुका है।
आदिवासी प्रजातियों में पॉपुलर
इस राज्य में आदिवासियों की कई प्रजातियां रहती हैं। आदिवासी प्रजाती के लोग लाल चटनी की रेसिपी को बड़े चाव के साथ बनाकर खाते हैं। भले ही आपको इस बात पर यकीन न हो रहा हो, लेकिन ये बात सच है। आपको बता दें कि इस चटनी में प्रोटीन की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। इतना ही नहीं लाल चीटियों से बनी चटनी जिंक और कैल्शियम से भरपूर होती है।
होश उड़ा देने वाली रेसिपी
इस चटनी को बनाने के लिए मयूरभंज जिले के जंगलों में पाई जाने वाली लाल चीटियों को इक्ट्ठा करके साफ किया जाता है। इसके बाद इन चीटियों को पीसकर सुखाया जाता है। यहां पर रहने वाले लोग इस चटनी में लहसुन, अदरक, मिर्च और नमक मिलाकर इसे दोबारा से पीसते हैं। इस जिले के आदिवासी परिवार इस चटनी को बनाकर बेचते भी हैं।
सेहत के लिए फायदेमंद
एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये चटनी आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस चटनी का सेवन करने से सेहत पर पॉजिटिव असर पड़ सकते हैं। अगर आप पेट से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद इस चटनी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इतना ही नहीं लाल चीटियों से बनी चटनी आपकी हार्ट और आपके ब्रेन हेल्थ को भी सुधार सकती है।
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