लीची में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, कॉपर और पोटैशिमय की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। गर्मियों के मौसम में लीची खाने का मजा ही कुछ और है। लेकिन अगर आपकी खरीदी हुई लीची खराब निकल आए तो न केवल आपके पैसे बर्बाद होंगे बल्कि आपका सारा मजा भी किरकिरा हो सकता है।
जरूरी है क्वालिटी चेक करना
बाजार में मिलने वाली किसी भी चीज को खरीदने से पहले उसकी क्वालिटी चेक करना बेहद जरूरी है। अगर आप खराब लीची का सेवन करते हैं तो आपकी तबीयत बिगड़ने की संभावना भी काफी हद तक बढ़ सकती है। आइए लीची की स्वीटनेस और फ्रेशनेस को चेक करने के सही तरीके के बारे में जानते हैं।
लीची को दबाकर चेक करें- लीची को दबाकर देखना चाहिए। लीची दबाते समय ज्यादा धंसने का मतलब है कि लीची ज्यादा पकी हुई है यानी लीची फ्रेश नहीं है।
स्मेल कर लगाएं पता- अगर आप चाहें तो लीची को सूंघकर भी लीची की क्वालिटी को चेक कर सकते हैं। फ्रेश और मीठी लीची में से खुशबू आएगी तो वहीं पुरानी और खराब लीची में से अजीब सी महक आएगी।
कलर पर ध्यान दें- लीची के छिलके का रंग लाल होना चाहिए। अगर लीची के छिलके का रंग हरा है तो इसका मतलब ये है कि उस लीची में टॉक्सिन्स की ज्यादा मात्रा हो सकती है। इसलिए आपको हरे रंग की लीची को नहीं खरीदना चाहिए।
चेक करना चाहिए साइज- अगर लीची फ्रेश और मीठी है तो लीची का एक पीस लगभग एक इंच डायमीटर से बड़ा होगा। इस साइज की लीची का टेस्ट वाकई में लाजवाब होता है।
इस तरह की टिप्स को फॉलो कर आप झटपट लीची की क्वालिटी को चेक कर सकते हैं। जून और जुलाई का महीना लीची खाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट्स रोज लीची खाने से मना करते हैं। अगर आप अपनी तबीयत को खराब नहीं करना चाहते हैं तो आपको लिमिट में रहकर ही लीची का सेवन करना चाहिए।
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