प्रियंका चोपड़ा
फूड स्पेशल: तेलंगाना फूड की अहमियत है उसका तीखापन, चटनी से लेकर खाने तक, हर डिश में लाल, हरी और काली मिर्च डाली जाती है। वोंकया पची पुलुसू, दोसाकई रोयाला इगुरू, चिंता चिगुरू मामसम.. ये नाम किसी साऊथ इंडियन फिल्म के नहीं जो रोज रात को हिंदी मूवी चैनल्स पर डब करके दिखाई जाती हैं। ये नाम है तेलंगाना कुजीन की डिशेज़ के। तेलंगाना फूड के बारे में जानना चाहते हैं तो मिर्च की जानकारी होनी बहुत जरूरी है। साधारण सब्जियों को खास और तीखा बनाना तेलंगाना कुजीन की खासियत है। जिस तरह फिल्म हिट करने के लिए तीन चीजें अहम हैं, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट, उसी तरह तेलंगाना फूड को हिट करने के लिए भी तीन चीजें अहम हैं -मिर्च, मिर्च और मिर्च। आइए जानते हैं कि भारत के इस ज़ायकेदार इलाके के खाने में क्या खास है
1. तीन तरह की मिर्च होनी जरूरी-
तेलंगाना खाने का पहला निवाला लेते ही मुंह से अगर मिर्च के लिए हायतौबा न निकले तो समझें, कि कुछ कमी है। हैदराबाद के मरक्यूर होटल केसीपी के हेड शेफ विनय कुमार बताते हैं कि तेलंगाना कुजीन में डेजर्ट को छोड़कर बाकी सभी में मिर्च की भरमार मिलेगी। लाल, हरी और काली मिर्च सभी डिशेज़ में डलती हैं, इन्हें पीसकर, साबुत और छोटा-छोटा काटकर इस्तेमाल किया जाता है।
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2. नॉनवेज से भरपूर होता है-
तेलंगाना फूड में नॉन-वेज की भरमार है, चिकन और मटन की मसालों वाली डिशेज़ हो या कीमा, ग्रेवी, बोनलेस, सभी तरह कि लज्ज़त यहां मिलेगी। जैसे ‘चिंता चिगुरू मामसम’ (यह एक मटन की ग्रेवी वाली डिश है जिसे ईमली के पत्तों के साथ हरी मिर्च डालकर पकाया जाता है, धीमी आंच पर)। ‘दोसाकई रोयाला इगुरू’ (यह प्रॉन की करी डिश है, जिसकी ग्रेवी में लाल मिर्च सबसे ज्यादा डाली जाती है)। आप नॉन-वेज पसंद करते हैं, और मिर्च के बगैर आपका खाना पूरा नहीं होता तो इंडिया में इन डिशेज़ को ट्राई कर सकते हैं। किसी भी ऑथेंटिक साउथ इंडियन रेस्टोरेंट में इन ज़ायकों को चखा जा सकता है।
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