शिवरात्रि व्रत के दिन लोग घरों में फलाहारी खानेपीने की चीजें बनाते हैं। अगर इस शिवरात्रि आप भी व्रत रख रहे हैं और किसी आसान सी रेसिपी की तलाश कर रहे हैं तो आज हम आपको साबूदाने की खिचड़ी बनाने की रेसिपी बताते हैं। साबूदाना की खिचड़ी बनाने में जितनी आसान है स्वाद में उतनी ही लाजवाब है। खास बात है कि इसे खाने के बाद आपको काफी देर तक भूख नहीं लगेगी। जानिए साबूदाना की खिचड़ी बनाने की आसान सी रेसिपी...
साबूदाना की खिचड़ी बनाने के लिए जरूरी चीजें
- साबूदाना भीगा हुआ
- आलू उबला हुआ
- हरी मिर्च महीन कटी हुई
- मूंगफली के दाने
- धनिया की पत्ती
- जीरा
- पिसी लाल मिर्च
- सेंधा नमक
- रिफाइंड
बनाने की विधि- साबूधाना की खिचड़ी बनाने के लिए जरूरी है कि साबूदाना कम से कम 4 से 5 घंटे पानी में भीगा हुआ हो। इसके लिए या तो आप साबूदाना को पानी से अच्छे से धोकर एकदम थोड़े पानी के साथ भिगो दें। इस बात का ध्यान रखें कि पानी इतना हो कि बर्तन के तले पर रहे। अगर आप शाम को साबूदाना की खिचड़ी बनाने का सोच रहे हैं तो उसे सुबह भिगोएं। साबूदाना की खिचड़ी बनाने के लिए सबसे पहले उबले हुए आलू को छोटे छोटे पीसेज में काट लें। अब कड़ाही को धीमी आंच पर चढ़ाएं और उसमें मूंगफली के दानों को डाल दें।
मूंगफली के दानों को आपको बिना तेल के ही हल्का भूनना है। जब मूंगफली के दाने हल्के भुनने लगे तो उन्हें प्लेट में निकाल लें। इसके बाद इन दानों को बेलन से या फिर इमामदत्ते में हल्का सा कूट लें। इसके बाद कढ़ाही की आंच धीमी रखें और उसमें करीब दो चम्मच रिफाइंड डालें। जब तेल गरम हो जाए तो उसमें आधा चम्मच जीरा डालें। इसके बाद उबले हुए कटे आलुओं को डालें। अब इसमें हरी कटी हुई मिर्च, चुटकी भर पिसी लाल मिर्च और सेंधा नमक डालें। अब इसे अच्छे से कंछुली से चलाएं।
जब आलू हल्के से ब्राउन हो जाए तो उसमें जो मूंगफली के दाने आपने दरबरे किए थे वो डालें और उसके तुरंत बाद धनिया की पत्ती डालकर चलाएं। अब साबूदाना को इसमें डाल दें। याद रहे कि गैस की आंच धीमी ही रखें वरना साबूदाना नीचे से लग जाएगा। साबूदाना को डालने के बाद थोड़ी थोड़ी देर में कंछुली से पलटते रहें ताकि वो नीचे से ना लगे और अच्छे से भुन जाए। करीब दो मिनट बाद गैस बंद कर दें और साबूदाना को प्लेट में निकाल लें। आपकी साबूदाना की स्वादिष्ट खिचड़ी खाने के लिए एकदम तैयार है।
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