नकली मावे का सेवन करने से हो सकती है कैंसर जैसी गंभीर बीमारी, ऐसे करें असली-नकली मावा की पहचान
अगर आप भी मार्केट से मावा लेने जा रहे है, लेकिन आपको यह नहीं पता कि कैसे पहचाने कि वह असली है कि नकली। हम अपनी खबर में बता रहे है कि कैसे पहचाने असली और नकली मावा को।
रेसिपी डेस्क: त्योहारों का मौसम आता है कि ढेरों तरह की मिठाई बनना शुरु हो जाती है। नंवबर आते ही दीवाली के साथ-साथ कई त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। जिसके कारण मावा की डिमांड भी अधिक है। जिसके कारण मार्केट में अधिक मात्रा में मिलावटी मावा आ रहा है। जिससे आपको ठीक ढंग से पहचान नहीं कर पाते है। जो कि बाद में आपकी हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित होते है। इसका सेवन करने से कैंसर जैसी जानवेला बीमारी भी हो सकती है।
मिलावटी मावा या खोवा बनाने के लिए सिंथेटिक दूध का इस्तेमाल किया जाता है जिससे कैंसर होने का डर सबसे अधिक रहता है। नकली मावा के सेवन से लीवर लीवर में सूजन और आंतों में संक्रमण होने का डर बढ़ जाता है। साथ ही मिलावटी मिठाई और मावा खाने से पीलिया यानी जॉन्डिस भी हो सकता है। (Recipe: घर पर मिठाई बनाने के लिए इस तरह दूध में जमाएं मलाई )
अगर आप भी मार्केट से मावा लेने जा रहे है, लेकिन आपको यह नहीं पता कि कैसे पहचाने कि वह असली है कि नकली। हम अपनी खबर में बता रहे है कि कैसे पहचाने असली और नकली मावा को।
ऐसे करें पहचान मावा नकली है कि असली
- जब आप मावा ले रहे है। जो थोड़ा सा मावा लेकर अपने अंगूठे के नाखून पर रगड़ें। अगर वह असली होगा तो घी कि महक काफी देर तक आएगी।
- आप असली मावा की पहचान उसे टेस्ट कर भी कर सकते है। इसके लिए थोड़ा सा मावा लेकर चखें। अगर इसका स्वाद कसैला है तो वह नकली है।
- थोड़ा सा मावा हाथ में लें और इसकी गोली बनाएं। अगर ये फटने लगें तो समझ लीजिए कि ये नकली है।
- इसके अलावा आप थोड़ा सा मावा हाथ में लें अगर इसमें चिकनापन नहीं है, तो समझ लीजिए कि ये नकली है।
- मिलावटी मावे की पहचान के लिए थोड़ा-सा मावा लेकर उसे किसी बर्तन में रखकर उसमें थोड़ा-सा पानी डालकर गर्म करें। गर्म होने के बाद उसमें टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदे डालें। अगर खोवे में स्टार्च मिला होगा तो उसका रंग तुरंत नीला हो जाएगा, जबकि असली मावे का रंग पहले जैसा ही रहेगा।
नकली मावा में मिलाईं जाती है य़े चीजें
आपको बता दें कि 1 लीटर दूध में केवल 200 ग्राम या फिर इससे भी कम मावा निकलता है। ऐसे में व्यापारी को कोई भी फादा नहीं होता है। इसीकारण जिस तरह नकली दूध बेचा जाता है वैसे ही मुनाफा कमाने के लिए अक्सर शकरकंदी, सिंघाड़े का आटा, आलू और मैदा का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा नकली मावे का वजन बढ़ाने के लिए उसमें स्टार्च और आयोडीन की मिलावट भी की जाती है। कुछ दुकानदार दूध के पाउडर में वनस्पति घी मिलाकर भी मावा तैयार करते हैं।
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