9 सितंबर को शुक्र कन्या राशि में रात 01 बजकर 41 मिनट से गोचर करेगा और 4 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 13 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेगा। शुक्र के कन्या राशि में होने वाले इस गोचर का असर सभी राशियों पर कुछ ना कुछ जरूर होगा। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से इस बारे में।
मेष राशि
आपकी जन्मपत्रिका में शुक्र छठें भाव में गोचर करेगा। शुक्र दूसरें व सातवें घर का मालिक जो आपकी प्रत्रिका में प्रबल मारकेश व मारकेश है। इसका मतलब ये है कि इस गोचर से आपके शत्रुओं का नाश होगा। अगर आपस्वास्थ्य संबंधी किसी परेशानी को झेल रहे हैं तो अब आपको उस परेशानी से निजात मिलेगी। लेकिन सावधान रहें। क्योंकि आपको अपने मित्रों के साथ किसी तरह के विवाद का सामना करना पड़ सकता है। शुक्र के इस गोचर से शुभ फलों की प्राप्ति और अशुभ फलों के प्रभाव से बचने के लिए चांदी की ठोस गोली सदैव अपने पास रखें। आप अशुभ प्रभावों से बचे रहेंगे।
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वृष राशि
आपकी जन्मपत्रिका में शुक्र पांचवे भाव में गोचर करेगा। पाचवां भाव संतान, विद्या, विवेक व रोमांस से जुड़ा है। चूंकि आपकी जन्म पत्रिका में शुक्र शुभ व अकारक है। इसलिए आपकी संतान को किसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं वैवाहिक संबंधों में रोमांस बढ़ेगा। लवमेट के साथ रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। वहीं इस गोचर से आपकी विवेक शक्ति में वृद्धि होगी। शुक्र के इस गोचर से शुभ फलों की प्राप्ति और अशुभ फलों के प्रभाव से बचने के लिए गौ माता की सेवा करें। शुभ फल सुनिश्चित होंगे।
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