सूर्य ने किया मकर राशि में प्रवेश, इन 4 राशियों को भाग्य का मिलेगा पूरा साथ
सूर्य के मकर राशि में इस प्रवेश से विभिन्न राशि वालों पर अलग-अलग प्रभाव होगा, तो कौन सी राशि के किस घर में सूर्य देव गोचर करेंग। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
मकर संक्रांति के मौके पर सूर्य की मकर संक्रांति है। इस दिन सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। हमारे जीवन में मकर संक्रांति का क्या महत्व है और इस दिन कौन - से कृत्य करने चाहिए। इसके साथ ही इस दिन से खरमास की समाप्ति हो जाएगी। जिसके बाद से विवाह आदि सभी शुभ कार्य शुरू हो जायेंगे।
सूर्य के मकर राशि में इस प्रवेश से विभिन्न राशि वालों पर अलग-अलग प्रभाव होगा, तो कौन -सी राशि के किस घर में सूर्य देव गोचर करेंगे और उनके शुभ फलों को सुनिश्चित करने के लिये तथा अशुभ फलों से बचने के लिये सक्रांति से लेकर अगली संक्रांति तक, यानी आने वाले 30 दिनों के दौरान कौन से उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
मेष राशि
सूर्यदेव आपके दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान आपके करियर और पिता की उन्नति से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से करियर में आपको अपनी मेहनत का फल जरूर मिलेगा। आप काफी आगे बढ़ेंगे। साथ ही इस दौरान आपके पिता की भी तरक्की सुनिश्चित होगी। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के शुभ फल बनाये रखने के लिए सिर ढक्कर रखें। साथ ही काले और नीले रंग के कपड़े पहनना अवॉयड करें।
वृष राशि
सूर्यदेव आपके नवे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में नवा स्थान भाग्य का स्थान है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से आपके भाग्य में वृद्धि होगी। आप अपने काम में जितनी मेहनत करेंगे, उसका शुभ फल आपको अवश्य ही मिलेगा। साथ ही धार्मिक कार्यों में भी आपकी रुचि बढ़ेगी। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के शुभ फलों को सुनिश्चित करने के लिये घर में पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल करें। साथ ही प्रतिदिन सूर्यदेव को नमस्कार करें।
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मिथुन राशि
सूर्यदेव आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे।जन्म कुंडली में यह स्थान आयु से संबंध रखता है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से आपकी आयु में वृद्धि होगी और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के शुभ फल सुनिश्ति करने के लिये काली गाय या बड़े भाई की सेवा करें।
कर्क राशि
सूर्यदेव आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान जीवनसाथी का होता है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से जीवनसाथी के साथ आपका तालमेल ठीक बना रहेगा और आपका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहेगा। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्यदेव के इस गोचर का शुभ फल बनाये रखने के लिये स्वयं भोजन करने से पहले किसी दूसरे व्यक्ति को भोजन जरूर खिलाएं।
सिंह राशि
सूर्यदेव आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान मित्र का होता है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से मित्रों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने के लिये आपको अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। किसी दोस्त से आपकी कहासुनी भी हो सकती है। आपको इस दौरान अपने शत्रु पक्ष से बचकर रहने की जरूरत है। साथ ही अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के अशुभ फलों से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये मन्दिर में बाजरा दान करें।
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कन्या राशि
सूर्यदेव आपके पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान विद्या, गुरु, विवेक, संतान और जीवन में रोमांस से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको अगले 30 दिनों के दौरान अपने गुरु से बनाकर रखनी चाहिए। आपकी कही कोई बात उन्हें बुरी लग सकती है, इसलिए कोई भी बात संभलकर करें और अपना विवेक बनाये रखें। पढ़ाई-लिखाई में उचित फल पाने के लिये आपको किसी की हेल्प लेनी पड़ सकती है। साथ ही इस दौरान आप रोमांस के मामले में कुछ पिछड़ सकते हैं। आपको संतान सुख पाने के लिये कोशिशें करनी पड़ सकती हैं। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के अशुभ फलों से छुटकारा पाने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये पक्षियों को दाना डालें।
तुला राशि
सूर्यदेव आपके चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान माता, भूमि-भवन और वाहन के सुख से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से अगले 30 दिनों के दौरान आपको अपने कार्यों में माता से पूरा सहयोग मिलेगा। वो आपके हर कदम में आपका साथ देंगी। साथ ही इस दौरान आपको भूमि-भवन और वाहन का सुख मिलने की भी पूरी उम्मीद है। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं। साथ ही मौका मिलने पर किसी दिव्यांग की मदद जरूर करें।
वृश्चिक राशि
सूर्यदेव आपके तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थानभाई-बहन और आपकी अभिव्यक्ति से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको भाई-बहनों से उम्मीद के अनुसार सहयोग नहीं मिल पायेगा। जीवन में उनका साथ बनाये रखने के लिये आपको कोशिश करनी होगी। साथ ही आप अपनी बात को दूसरे के सामने अच्छे से एक्सप्रेस नहीं कर पायेंगे। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के अशुभ फलों से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये प्रतिदिन सूर्यदेव के इस मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र है - ऊँ घृणिः सूर्याय नमः।
धनु राशि
सूर्यदेव आपके दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान धन से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको धन की बढ़ोतरी के बहुत से साधन मिलेंगे। आपको अचानक से धन लाभ हो सकता है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहेगी। सूर्य के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये मन्दिर में नारियल का तेल या कच्चे नारियल का दान करें।
मकर राशि
सूर्यदेव आपके पहले स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान व्यक्ति का अपना स्थान होता है। इससे किसी व्यक्ति के प्रेम-संबंध, मान-सम्मान, धन और संतान के न्यायलय संबंधी कार्यों पर विचार किया जाता है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से आपको प्रेम-संबंधों का भरपूर लाभ मिलेगा। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। आपके पास पैसों की लगातार आवक बनी रहेगी। साथ ही आपकी संतान को भी न्यायलय संबंधी कार्यों से भरपूर लाभ मिलेगा। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के इन शुभ फलों का लाभ पाने के लिये प्रतिदिन सुबह स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
कुंभ राशि
सूर्यदेव आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान शैय्या सुख और व्यय से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको शैय्या सुख की प्राप्ति तो होगी, लेकिन साथ ही आपके खर्चों में भी बढ़ोतरी होगी। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये और शुभ प्रभाव सुनिश्चित करने के लिये धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग दें और सुबह के समय अपने घर के खिड़की, दरवाजे खोलकर रखें, ताकि सूर्य का उचित प्रकाश घर के अंदर आ सके।
मीन राशि
सूर्यदेव आपके ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थानआमदनी और कामना पूर्ति से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपकी अच्छी आमदनी होगी। आपको आमदनी के नये स्रोत भी मिलेंगे। साथ ही आपकी जो भी इच्छा होगी, वो जरूर पूरी होगी। अतः अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये मन्दिर में मूली का दान करें।