17 अक्टूबर को सूर्य कर रहा है मीन राशि में प्रवेश, वृष सहित इन राशियों के लोग रहें सतर्क
सूर्य 17 अक्टूबर दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर कन्या राशि से निकल कर तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जानिए आपकी राशि पर क्या पड़ेगा प्रभाव।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार 16 सितंबर की देर रात 1 बजकर 13 मिनट पर सूर्यदेव कन्या राशि में प्रवेश किये थे और 17 अक्टूबर दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर कन्या राशि से निकल कर तुला राशि में प्रवेश कर जायेंगे और 16 नवंबर की दोपहर 1 बजकर 2 मिनट तक तुला राशि में ही गोचर करते रहेंगे। उसके बाद वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जायेंगे, साथ ही सूर्य के किसी भी संक्रांति वाले दिन पुण्यकाल का बहुत महत्त्व होता है।
सूर्य की तुला संक्रांति में गोदावरी नदी में स्नान-दान का महत्व है , लेकिन जो लोग गोदावरी नदी में स्नान आदि के लिये न जा पायें, वो घर पर ही अपने स्नान के पानी में गोदावरी नदी का आह्वाहन करके स्नान कर लीजिये। अतः सूर्यदेव के इस गोचर से 16 नवंबर तक विभिन्न राशि वाले लोगों पर क्या असर होगा, सूर्यदेव ने आपके किस स्थान पर गोचर किया है और उस स्थिति में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
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मेष राशि
सूर्यदेव ने आपके सातवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध सीधे तौर पर जीवनसाथी से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से जीवनसाथी के साथ आपके संबंध बहुत अच्छे रहेंगे। आपको अपने हर कार्य में जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा। वो आपके कदम से कदम मिलाकर चलेंगे, लिहाजा 16 नवंबर तक जीवनसाथी का साथ बनाये रखने के लिये भोजन करते समय अपने भोजन में से एक रोटी निकालकर अपने किसी सहयोगी को या अपने आस-पास मौजूद किसी व्यक्ति को खाने के लिये दें।
वृष राशि
सूर्यदेव ने आपके छठे स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध मित्रों और शत्रुओं से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपके दोस्त आपकी बातों से असहमत हो सकते है। बेहतर होगा इस दौरान अपने दोस्तों के साथ संभलकर बात करें, साथ ही अपने विरोधियों के प्रति भी सावधान रहें। वो आपकी दोस्ती में परेशानी खड़ी करने की कोशिश कर सकते हैं। 16 नवंबर तक दोस्तों के साथ अच्छे संबंध बनाये रखने के लिये और शत्रुओं से बचाव के लिये मन्दिर में गुड़ का दान करें।
मिथुन राशि
सूर्यदेव ने आपके पांचवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध विद्या, गुरु, विवेक, रोमांस और संतान से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से विद्या के क्षेत्र में आपकी बढ़ोतरी होगी। आपको अपने टीचर्स से और गुरु से पूरा सपोर्ट मिलेगा। आपका विवेक बना रहेगा। रोमांस के क्षेत्र में भी आप आगे रहेंगे। आपका पार्टनर आपसे खुश रहेगा, साथ ही आपको संतान सुख मिलेगा। वो आपकी हर संभव कार्य में मदद करेंगे। इस दौरान सूर्यदेव की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिये पक्षियों को दाना डाले।
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कर्क राशि
सूर्यदेव ने आपके चौथे स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध भूमि, भवन, वाहन और माता से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपको अपने कार्यों में माता से पूरा सहयोग मिलेगा। वो आपके हर फैसले में आपके साथ खड़ी रहेंगी, साथ ही इस दौरान आपको भूमि, भवन और वाहन का लाभ भी मिल सकता है। 16 नवंबर तक सूर्यदेव के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये किसी जरूरतमंद को भोजन खिलाएं।
सिंह राशि
सूर्यदेव ने आपके तीसरे स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके भाई-बहनों और आपकी अभिव्यक्ति से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से भाई-बहनों के साथ आपके संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकता है। इस दौरान आपको किसी से भी कोई बात करते समय अपने हाव-भाव, यानी एक्सप्रेशन पर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए। सूर्यदेव के शुभ फल पाने के लिए चींटियों को आटा खिलाएं।
कन्या राशि
सूर्यदेव ने आपके दूसरे स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध सीधे-सीधे आपकी आर्थिक स्थिति और धन से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपको धन लाभ होगा। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आपका काम अच्छा चलेगा। इस दौरान सूर्यदेव की कृपा से शुभ फल पाने के लिये मन्दिर में नारियल तेल की शीशी दान करें।
तुला राशि
सूर्यदेव ने आपके पहले स्थान, यानी लग्न स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके शरीर, प्रेम-संबंध, यश-सम्मान और योग्यता से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। प्रेम-संबंधों में आपको सफलता मिलेगी। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। आप अपनी योग्यता से दूसरों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे, साथ ही आपकी संतान के कोर्ट-कचहरी संबंधी सभी कार्य आसानी से पूरे होंगे। 16 नवंबर तक सूर्य के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये सुबह स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
वृश्चिक राशि
सूर्यदेव ने आपके बारहवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध शैय्या सुख और व्यय से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपके जीवन में शैय्या सुख बना रहेगा, लेकिन इस दौरान आपको पैसों के मामले में अपने हाथ थोड़े खींचकर रखने चाहिए। आपके खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। 16 नवंबर तक बिना वजह खर्चों से बचे रहने के लिये और शैय्या सुख का लाभ पाने के लिये आपको धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग देना चाहिए और सुबह के समय अपने घर के खिड़की, दरवाजे खोलकर रखने चाहिए।
धनु राशि
सूर्यदेव ने आपके ग्यारहवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आमदनी और कामना पूर्ति से है। सूर्यदेव के इस गोचर केप्रभाव से आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। आपके सामने अच्छे प्रॉफिट के नए बिजनेस प्रपोजल आ सकते हैं। जल्द ही आपकी कोई खास इच्छा भी पूरी हो सकती है। इस दौरान गोचर के शुभ स्थिति का लाभ पाने के लिये रात को सोते समय अपने सिरहाने पर 5 मूली रखकर सोएं और अगले दिन
सुबह उठकर उन्हें किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कर दें।
मकर राशि
सूर्यदेव ने आपके दसवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके करियर और पिता से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपको करियर में नई कामयाबी मिलेगी। काम के प्रति आपकी मेहनत सफल होगी। साथ ही आपके पिता की बेहतरी सुनिश्चित होगी और पिता के साथ आपके संबंध अच्छे होंगे। लिहाजा इस दौरान सूर्यदेव की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए अपने सिर पर व्हाइट या ऑफ व्हाइट कलर की टोपी या पगड़ी पहनकर रखें।
कुंभ राशि
सूर्यदेव ने आपके नवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके भाग्य से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपको 16 नवंबर तक किस्मत का साथ पाने में कुछ परेशानी हो सकती है। आपको उम्मीद के अनुसार अपने काम का फल नहीं मिल पायेगा। अतः सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये और किस्मत का सहयोग पाने के लिये घर में पीतल के बर्तनों को उपयोग में लाएं। साथ ही धर्म-कर्म के कामों में अपना सहयोग देते रहें।
मीन राशि
सूर्यदेव ने आपके आठवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके स्वास्थ्य से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपके स्वास्थ्य में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। 16 नवंबर तक आपको अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। बाहर का तला-भुना खाने से आपको बचना चाहिए और रूटीन एक्सरसाइज पर ध्यान देना चाहिए, साथ ही सूर्यदेव के अशुभ फलों से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लियेकाली गाय या बड़े भाई की सेवा करें।