धर्म डेस्क: सूर्य रोहिणी नक्षत्र में, पुरुषोत्तमी एकादशी के साथ-साथ शुक्रवार है। इसके साथ ही आज अधिक ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी है। शुक्रवार के दिन दोपहर 02:21 पर सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 8 जून को दोपहर 12:17 तक यहीं पर रहेंगे। सूर्यदेव के रोहिणी नक्षत्र में इस प्रवेश से विभिन्न नामाक्षर और नक्षत्र वाले लोगों पर भी प्रभाव होगा, उन्हें इस दौरान अलग-अलग फलों की प्राप्ति होगी। तो किस नामाक्षर और नक्षत्र वाले लोगों को सूर्यदेव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से क्या फल मिलेंगे और उस स्थिति में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से...
रोहिणी, मृगशिरा और आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक
जिन लोगों का जन्म रोहिणी, मृगशिरा या आर्द्रा नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर 'अ', 'व', 'क', 'घ' या 'छ' हो, उन लोगों को 8 जून तक आग या बिजली से संबंधित चीज़ों को सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही अगर आप इस दौरान नया घर बनाने की या कोई नया निर्माण करने की सोच रहे हैं, तो उसे भी 8 जून तक आपको अवॉयड करना चाहिए। साथ ही 8 जून तक सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग दें और साथ ही सुबह के समय अपने घर के दरवाजे, खिड़कियां खुली रखें, जिससे सूर्य का उचित प्रकाश घर के अन्दर आ सके।
पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा या मघा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक
जिनका नाम 'क','ह', 'ड' या 'म' अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों के जीवन की गति 8 जून तक कुछ थम-सी जायेगी। नई चीज़ों पर काम करने में आपको सामान्य से थोड़ा अधिक समय लग सकता है। अतः अशुभ फलों से बचने के लिये और शुभ फलों की प्राप्ति के लिये-रविवार के दिन रात को सोते समय अपने सिरहाने पर 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिनसुबह उठकर उन बादाम को किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कर दें। इससे आपको अपने कार्य करने में आसानी होगी।
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