धर्म डेस्क: सूर्यदेव मृगशिरा नक्षत्र से आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं। सूर्यदेव 22 जून की सुबह 11 बजकर 12 मिनट पर आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 6 जुलाई को सुबह 10:51 तक यहीं पर रहेंगे। सूर्यदेव के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करने से हमारे आस-पास मौसम में भी कई तरह के बदलाव आयेंगे। सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में इस प्रवेश से विभिन्न नक्षत्र और नामाक्षर वाले लोगों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। अतः सूर्य के इस गोचर से विभिन्न नक्षत्र और नामाक्षर वाले लोगों पर क्या प्रभाव होगा और उस स्थिति में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
- जिन लोगों का जन्म आर्द्रा, पुनर्वसु या पुष्य नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम क, घ, छ, ह या ड अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 6 जुलाई तक आग और बिजली से संबंधित चीज़ों के साथ संभलकर काम करना चाहिए। इनसे संबंधित चीज़ों जैसे गैस, चूल्हा, बिजली के तार आदि को ध्यानपूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही अगर आप इस दौरान कोई नया घर बनाने की सोच रहे हैं तो आपको 6 जुलाई तक के लिये अपना ये प्लान टाल देना चाहिए। इसके अलावा अशुभ स्थिति से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये- 6 जुलाई तक रोज़ सुबह स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को जल में सफेद तिल डालकर अर्पित करें। इससे आपको अशुभ फलों से मुक्ति मिलेगी।
- जिनका जन्म आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी या उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर ड, म, ट या प हो, 6 जुलाई तक के लिये उन लोगों के जीवन की गति कुछ थमी हुई सी रहेगी। आपके सारे काम कुछ समय के लिये ठहर से जायेंगे। अतः अपने कामों की गति से ठहराव की स्थिति को दूर करने के लिये- रात को अपने सिरहाने पर 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिन सुबह उठकर उन बादाम को मन्दिर या किसी धर्मस्थल पर दान कर दें। इससे आपके कामों की गति बनी रहेगी।
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