गुरु की उल्टी चाल शुरू, मिथुन सहित इन राशियों को करनी पड़ सकती है कड़ी मेहनत
गुरु का विभिन्न राशि वाले लोगों पर क्या असर होगा, गुरु आपके किस स्थान पर गोचर करेंगे और उसके लिये आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार 20 जून की रात 8 बजकर 34 मिनट पर गुरु कुंभ राशि में वक्री हो गये थे और 14 सितंबर की दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर गुरु देव वक्री गति से मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे। उसके बाद 18 अक्टूबर को दोपहर पहले 11 बजे मार्गी हो जायेंगे और मार्गी गति से गोचर करते हुए 20 नवम्बर को कुंभ राशि में प्रवेश कर जायेंगे और इस वर्ष के अंत तक यही पर गोचर करते रहेंगे।
गुरु के इस वक्री गोचर को समझाने के लिये आपको मार्गी और वक्री का अर्थ समझना होगा। हमारे सौर मण्डल के सारे ग्रह एक दूसरे से लाखों किलोमीटर दूर हैं और सभी सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं, सबके अपने अपने परिक्रमा पथ हैं। सबकी तरह पृथ्वी का भी अपना परिक्रमा पथ है और वह भी सूर्य का चक्कर लगाती रहती है। कभी कभी पृथ्वी किसी धीमे चल रहे ग्रह के बगल से तेजी से गुजरती है तो धीमे चल रहा ग्रह पीछे छूटता जाता है जैसे वह उल्टी दिशा में जा रहा हो। आप सब ने अनुभव किया होगा कि अगर एक धीमे चल रही रेल गाड़ी के बगल से दूसरी रेल तेजी से गुजरे तो धीमी वाली रेल पीछे जाती हुई लगती है जबकि वास्तव में वो उसी दिशा में जा रही होती है जिधर दूसरी जा रही होती है लेकिन आभास होता है कि वो पीछे जा रही है। ठीक वही बात ग्रहों और पृथ्वी के बीच घटित होती है। इसी को वक्री या मार्गी कहते हैं। जब उल्टा चलता हो तो वक्री और जब सीधा चले तो मार्गी। सूर्य और चंद्रमा हमेशा मार्गी रहते है तथा राहु और केतु हमेशा वक्री रहते है और बाकि पांच ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष अपनी गति के कारण कभी मार्गी तो कभी वक्री होते रहते है।
गुरु का विभिन्न राशि वाले लोगों पर क्या असर होगा, गुरु आपके किस स्थान पर गोचर करेंगे और उसके लिये आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
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मेष राशि
गुरु आपके ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके भौतिक सुख साधनों में वृद्धि होगी। आपका व्यापार उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहेगा। इस दौरान आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। नौकरी-पेशा वालों की पदोन्नति होगी। साथ ही आय में भी वृद्धि होगी। इस दौरान गुरु की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए मंदिर जाकर शाम की आरती के समय घंटी बजाएं।
वृष राशि
गुरु आपके दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके व्यापार की गति थोड़ी धीमी हो सकती है। आपको करियर में कई तरह के लाभ मिलेंगे। आपको राजकार्यों से लाभ मिलेगा। संतान से सहयोग मिलेगा। लिहाजा 14 सितम्बर तक गुरु के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए इस दौरान अपना सिर ढककर रखें और पिली पगड़ी पहनें।
मिथुन राशि
गुरु आपके नवें स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके मुख से निकले हुए वचन पक्के होंगे। पैतृक संपत्ति से लाभ पाने के लिए आपको कोशिशें करनी पड़ेगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। मेहनत के बल पर आपको धन लाभ होगा। लिहाजा अपने जीवन में सब कुछ बेहतर बनाएं रखने के लिए आज से लेकर 14 सितम्बर तकरोज मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करें।
कर्क राशि
गुरु आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको सांसारिक सुख की प्राप्ति होगी। घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। साथ ही आपके धन में बढ़ोतरी होगी। इस दौरान गुरु के शुभ फल पाने के लिये और किसी भी तरह के अशुभ फलों से बचने के लिए अपने मस्तक पर हल्दी से तिलक करें।
सिंह राशि
गुरु आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से इस दौरान आपकी यात्रा सुखद होगी। आपके भाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही धर्म के कार्यों में प्रसिद्धि होगी। आपके पास पैसों की कोई कमी नहीं होगी। तो गुरु के शुभ फल बनाये रखने के लिए रत्तियाँ जो सोना तोलने के काम आती है, उन्हें एक पीले कपड़े में बांधकर या सोने के साथ रख दें।
कन्या राशि
गुरु आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से काम करने में रूचि कम रहेगी। आपको अपनी मेहनत के बल पर ही कोई चीज मिल पायेगी। इस दौरान अगर आप किसी जरूरतमंद को दान देंगे, तो आपका भाग्य बेहतर रहेगा । साथ ही 14 सितम्बर तक गुरु की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए कुत्ते को रोटी खिलाएं ।
तुला राशि
गुरु आपके पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। पांचवा स्थान संतान, गुरु, विवेक और रोमांस आदि विषयों से संबंधित है। आपको गुरु से विद्या का लाभ पाने के लिये बहुत मशक्कत करनी पड़ सकती है। रोमांस के मामले में आप पीछे रह सकते हैं। लिहाजा 14 सितम्बर तक गुरु के अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए मंदिर जाकर शाम की आरती में शामिल हो।
वृश्चिक राशि
गुरु आपके चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको धन के लिए मेहनत करनी पड़ेगी। आपको जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको अपने कार्यों में माता का साथ मिलने में परेशानी आ सकती हैं। भूमि, भवन और वाहन का लाभ पाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा । इस दौरान गुरु की अशुभ स्थिति से बचने के लिये अपने से बड़ों का सम्मान करें।
धनु राशि
गुरु आपके तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको भाई और संतान का सुख प्राप्त होगा। आपके धन में वृद्धि होगी। ससुराल पक्ष से भी लाभ होगा। आप दूसरों की भलाई करेंगे, जिससे समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। आपको अपने सब कार्यों में शुभ फल प्राप्त होंगे। तो 14 सितम्बर तक गुरु के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए छोटी कन्या का सम्मान करें और उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करें।
मकर राशि
गुरु आपके दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको धन की हानि हो सकती है। आपके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। लिहाजा 14 सितम्बर तक गुरु के अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक पीले कपड़े में थोड़ी-सी चने की दाल बांधकर किसी मंदिर में दान करें।
कुंभ राशि
गुरु आपके पहले स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपको अधिक पैसे कमाने के लिए मेहनत जारी रखनी होगी। आपकी संतान को राजकार्य और मुकदमों में जीत हासिल होगी। साथ ही आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। जीवन में माता-पिता और अन्य लोगों का सहयोग मिलता रहेगा। लिहाजा 14 सितम्बर तक गुरु के शुभ फल प्राप्त करने के लिए सभी महिलाओं का सम्मान करें।
मीन राशि
गुरु आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके भाग्य का उदय होगा। इस दौरान आप जो भी काम करेंगे, भाग्य के सहयोग से उसमें आपको सफलता मिलेगी। साथ ही शैय्या सुख की प्राप्ति होगी और संतान सुख की भी प्राप्ति होगी। लिहाजा 14 सितम्बर तक गुरु की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए माथे पर केसर का तिलक लगाएं या फिर एक डिब्बी में केसर डालकर अपने पास रखें।