दवाई खरीदने जाएं तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, तभी मिलेगी सस्ती दवा
देश भर के लोगों के लिए बड़े फायदे की खबर, अब कोई भी दवाई खरीदने के लिए जाएं तो ये नियम जरूर ध्यान रखें। अलर्ट रहेंगे तो मेडिसिन सस्ती मिलेगी। अगर नियम नहीं जाना तो सस्ती दवाई के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे।
नई दिल्ली: देश भर के लोगों के लिए बड़े फायदे की खबर, अब कोई भी दवाई खरीदने के लिए जाएं तो ये नियम जरूर ध्यान रखें। अलर्ट रहेंगे तो मेडिसिन सस्ती मिलेगी। अगर नियम नहीं जाना तो सस्ती दवाई के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे।
दरअसल, अब जल्द ही केमिस्ट की दुकानों पर संचालकों को जेनरिक दवाओं का अलग कार्नर बनाना पड़ेगा और उस पर 'जेनरिक मेडिसिन' शब्द लिखना होगा। यहां अलग रैक व शेल्फ ऐसी तैयार करनी होंगी, जहां सिर्फ जेनरिक दवाओं को ही रखा जाए। इसका डिस्पले भी इस तरह से होगा कि लोग आसानी से देख सकें। केंद्र सरकार की ओर से इस व्यवस्था पर काम किया जा रहा है और जल्द ही ये गाइडलाइंस एक नियम के रूप में सभी राज्य सरकारों को भेज दी जाएगी।
इस नियम का मकसद मरीजों को सस्ती जेनरिक दवाएं आसानी से उपलब्ध करवाना है। हरियाणा की स्थिति देखें तो प्रदेश में बहुत सी कंपनियां जेनरिक दवाएं बनाती हैं। लेकिन ये दवाएं आसानी से केमिस्ट दुकानों पर नहीं मिलती। संचालक भी मार्जिन के चक्कर में जेनरिक दवाओं की बिक्री में कोई खास रुचि नहीं दिखाते। दूसरी ओर, लोगों को भी मालूम नहीं होता कि उन्हें मिलने वाली दवाएं जेनरिक हैं या नहीं। लिहाजा अधिकतर लोग सस्ती जेनरिक दवाएं होते हुए भी महंगी दवाओं से इलाज करवाने को मजबूर हैं।(नहीं आती है नींद तो सोने से पहले बनाएं ये खास चाय, तुरंत दिखेगा फायदा)
इस संदर्भ में हरियाणा की समाज सेवी संस्था सहायता सदन ने शिकायत रूपी एक सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था। संस्था के प्रवक्ता चंद्र दुग्गल के अनुसार, इस संदर्भ में उन्हें अब मिनस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के अधीनस्थ ड्रग कंट्रोलर जनरल (इंडिया) का सूचना पत्र प्राप्त हुआ है। जिसमें जल्द ही उक्त व्यवस्था को बनाने की बात कही गई है, जो जल्द ही हरियाणा समेत सभी राज्यों में लागू होगी। उधर, विशेषज्ञ डा. संजीव कौशिक के अनुसार, जेनरिक दवाएं मरीजों को उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि सस्ता इलाज सुनिश्चित हो सके।(शहरी आबादी को 3 गुना ज्यादा पड़ता है दिल का दौरा, ऐसे रहें सतर्क)
नियम की ड्राफ्ट नोटिफकेशन जल्द
ड्रग कंट्रोलर जनरल डॉ. एस. ईश्वरा रेड्डी ने बताया कि बीते दिनों आयोजित ड्रग टेस्टिंग एडवाइजरी बोर्ड की बैठक में ये निर्णय लिया गया है कि हर दवाखाने (फार्मेसी शॉप) में जेनरिक दवाओं का अलग रैक व शेल्फ बनानी होगी, ताकि जेनरिक दवाओं की विजिबिलिटी आसान हो और मरीज व तीमारदार जान सकें कि उन्हें जेनरिक दवाएं ही दी जा रही है। संबंधित शेल्फ व रैक पर 'जेनरिक दवाएं' शब्द लिखना अनिवार्य होगा। इसके लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक रूल्स, 1945 के नियम 65 में संशोधन के लिए प्रस्ताव मंत्रालय को भेज दिया गया है। डॉ. रेड्डी के अनुसार, जेनरिक दवाओं की स्ट्रिप, रेपर और बाक्स पर भी 'जेनरिक' शब्द लिखा जाना अनिवार्य करने पर फिलहाल सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की ओर से मंथन किया जा रहा है।(माथे पर होने वाली लगातार खुजली को हल्के में न लें, हो सकता है एग्जिमा के लक्षण)