ताड़ आसन-चक्र आसन
आसन से शरीर में लचक तो आती ही है, साथ ही हम यह महसूस करने लगते हैं कि हमारे विचारों में भी सरलता और सजगता आ गई है और मन-मस्तिष्क से भी हम तनावमुक्त हो जाते हैं।
विधि
इस योग के लिए सीधे खड़े हो जाएं और प्रयास करें कि आपके पैर मिले रहें। साथ ही हथेलियों को अपने बगल में रखें।
पूरे शरीर को स्थिर रखें और ये ध्यान रहे कि पूरे शरीर का वज़न दोनों पैरों पर बराबर रूप से आए। दोनो हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर रखें। हथेलियों का रुख़ ऊपर की ओर होना चाहिए।
सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, आपके कंधों और छाती में भी खिंचाव आएगा। साथ ही साथ पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं तथा पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखिए।
इस स्थिति को कुछ पल बनाए रखें। कुछ पल रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं। सुविधानुसार ऐसा 5-10 बार कर सकते हैं।
सांस भरते हुए दोनों हाथों, पैरों तथा पूरे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव लाना चाहिए तथा सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं। एकाग्रता शरीर के संतुलन पर रहनी चाहिए।
एकाग्रता के साथ साथ हृदय के लिए यह आसन हर किसी के लिए फायदेमंद हैं।
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