अलविदा 2019: डेंगू, चमकी बुखार सहित इन बीमारियों ने भारत की जनता को किया हलकान
साल 2019 की बात करें तो कोई किसी न किसी समस्या से परेशान रहा है। ऐसे में अगर स्वास्थ्य की बात की जाए इस साल कई छोटी बीमारियों से लेकर बड़ी बीमारियों ने जनता को खुब छकाया।
Year Ender 2019: साल 2019 की बात करें तो कोई किसी न किसी समस्या से परेशान रहा है। ऐसे में अगर स्वास्थ्य की बात की जाए इस साल कई छोटी बीमारियों से लेकर बड़ी बीमारियों ने जनता को खुब छकाया। जहां लोग सीजनल बीमारियों से परेशान रहें। वहीं कई ऐसी महामारी बीमारी आईं जिससे कई लोगों की जान भी गई। जहां एक ओर बिहार, झारखंड, जैसे जगहों पर चमकी बुखार ने कोहराम मचाया तो दूसरी जगह मलेरिया, डेंगू के कारण लाखों लोगों से अपनों को खोय़ा। जानें ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारें में जिन्होंने साल 2019 में लोगों को खूब रुलाया।
डेंगू
साल 2018 की तरह 2019 में भी डेंगू का पूरे साल प्रकोप रहा। दुनियाभर के के 128 देश में डेंगू फैला हुआ है। डेंगू से आजतक कोई भी देश पूरी तरह से मुक्त नहीं हो पाया है। इससे होने वाले बुखार को 'हड्डीतोड़' बुखार भी कहा जाता है क्योंकि पीड़ित व्यक्ति को बहुत दर्द होता है, जैसे उनकी हड्डियां टूट रही हो।
डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलता है। इसके काटने के करीब 3-5 जिन बाद डेंगू के लक्षण समझ आते हैं। इस साल इस बीमारी के कारण कई जाने भी गई।
चमकी बुखार
इस बीमारी का सबसे ज्यादा प्रकोष बिहार में देखने को मिला। इस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार 1 साल से 15 साल की उम्र के बच्चे हुए। जिसके कारण 200 से भी अधिक बच्चों की मौंत हो गई।
चमकी बुखार वास्तव में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) है। जिसे दिमागी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। अभी तक इस बीमारी का सही इलाज सामने नहीं आया है। यह बुखार मुख्यरुप से बच्चों के खून में सुगर और सोडियम की कमी कर देता है। जिसका अगर सही समय में इलाज नहीं कराया तो मरीज की मौत भी हो सकती हैं। इस बीमारी का सबसे ज्यादा प्रकोप गर्मियों के मौसम में रहा है।
निपाह वायरस
इस साल निपाह वायरस का भी ज्यादा प्रकोप रहा। मात्र केरल में ही इस बीमारी के कारण कई लोगों का मौत हो गई। इसके लक्षण पहले नहीं समझ आते हैं। यह बीमारी मुख्य रुप से जानवरों से फैलती है। इस बीमारी के कारण कई लोगों की मौत भी हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक साल 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह गांव में पहली बार निपाह वायरस का पता चला था। इसी गांव के नाम पर ही इसका नाम 'निपाह' पड़ा। तब सुअर पालने वाले किसान इस वायरस से संक्रमित मिले थे।
डॉक्टरों के अनुसार ये वायरल चमगादड़ के अलावा सुअर से फैलता है। इस वायरस से पीड़ित चमगादड़ जब किसी फल को खा लेता है और कोई व्यक्ति इसे खा लेता है तो वो भी संक्रमित हो जाता है।
स्केबीज
छत्तीसगढ़ और उसके आसपास जगहों में साल 2019 के अंत में 'स्केबीज' नामक बीमारी तेजी से महामारी की तरह फैल रही हैं। इस संक्रमित बीमारी का अगर सही समय पर इलाज नहीं कराया गया जो इससे पूरी फैमिली को अपने चपेट में ले सकता है।
डॉक्टर्स के अनुसार यह रोग 'Sarcoptes scabiei' नाम के बेहद छोटे परजीवियों के द्वारा फैलता है। यह बहुत ही ज्यादा संक्रामक होता है। जिससे संक्रमित व्यक्ति को खुजली, जलन, दाने और लाल चकत्ते की समस्या हो जाती है।
जापानी बुखार
जापानी बुखार यानि इन्सेफलाइटिस का प्रकोप देश के हर राज्य में फैला है। खासकर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में साल 2017 में एक दिन में ही 30 बच्चों की मौत हो गई थी। वहीं इस साल बिहार में इस बीमारी से करीब 150 बच्चों की मौत हो गई।
इन्सेफ्लाइटिस एक जानलेवा बीमारी है। जिसमें आपके दिमाग में सूजन आने लगती है। इसके लिए आपातकालीन इलाज की जरूरत होती है। इस बीमारी का शिकार किसी भी उम्र के लोग हो सकते है। जापानी इन्सेफ्लाइटिस के शिकार होने से बच्चे की सोचने, समझने, और सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है।