हेल्थ डेस्क: आज के समय में हर कोई किसी न किसी बीमारी से परेशान है। पहले जमाने की बात करें, तो ढलती उम्र के बाद ही कोई बीमारी होती थी, लेकिन आज के समय में नवडात हर तरह की बीमारियों की चपेट में जल्दी आ रहे है। हाल में ही एक अध्ययन किया गया जिसमें ये बात सामने आई कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे हेपेटाइटिस के शिकार हो रहे है।
दुनियाभर में पांच करोड़ से ज्यादा बच्चे हेपेटाइटिस से पीड़ित बताए जा रहे हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि वर्ष 2016 में पांच करोड़ 20 लाख बच्चे पीड़ित थे, जिनमें 21 लाख बच्चे एचआईवी-एड्स से पीड़ित थे। हालांकि, अध्ययन में वर्ष 2016 के दौरान पूरी दुनिया में वायरल हेपेटाइटिस के मरीजों की तादाद बताई गई है। इनमें 19 साल से कम उम्र के 40 लाख बच्चे व किशोर हेपेटाइटिस-सी और 18 साल से कम उम्र के 48 लाख बच्चे व किशोर हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित थे। ब्राजील में आयोजित वर्ल्ड हेपेटाइटिस समिट-2017 में प्रस्तुत अध्ययन के नतीजों में बताया गया है कि दोनों वायरस से यकृत संबंधी रोग, यकृत कैंसर और उससे मौत भी हो सकती है।
बगैर लाभ के मकसद से काम करने वाली लंदन स्थित संस्था वर्ल्ड हेपेटाइटिस एलायंस के सीईओ रकेल पेक ने कहा, "दुनियाभर में बच्चों को हेपेटाइटिस का भारी खतरा बना रहता है। जाहिर है कि इसके लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रचुर निहितार्थ होते हैं।"
मिस्र स्थित शम्स युनिवर्सिटी के प्रोफेसर मनाल अल-सईद ने बताया कि बच्चों में 80 फीसदी हेपेटाइटिस-सी संक्रमण के लिए महज 21 देश जिम्मेदार हैं और इनमें भी इसकी दर सबसे ज्यादा विकासशील देशों में देखी जाती है।
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